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पर्यटन के क्षितिज पर फीकी पड़ी संग्रहालय की चमक

पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष संग्रहालय आने वाले पर्यटकों की संख्या में 23319 हजार की कमी आई है। विदेशी पर्यटकों की संख्या भी लगातार घट रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 06:30 AM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 06:30 AM (IST)
पर्यटन के क्षितिज पर फीकी पड़ी संग्रहालय की चमक
पर्यटन के क्षितिज पर फीकी पड़ी संग्रहालय की चमक

प्रयागराज : कुंभ के कारण पर्यटन के क्षितिज पर प्रयागराज चमक रहा है पर ऐतिहासिक इलाहाबाद संग्रहालय की चमक फीकी पड़ रही है। यह हम नहीं जन सूचना अधिकार के तहत मिले आंकड़े बता रहे हैं। लाख प्रयास के बाद भी संग्रहालय में पर्यटकों की संख्या घट रही है।

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पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष संग्रहालय आने वाले पर्यटकों की संख्या में 23319 हजार की कमी आई है। विदेशी पर्यटकों की संख्या भी लगातार घट रही है। वर्ष 2016 के यदि आंकड़ों पर गौर करें तो कुल सैलानियों की संख्या 73803 थी। 2017 में अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 92608 हो गई। माना जा रहा था कि कुंभ के कारण अब यह संख्या लगातार बढ़ेगी पर ऐसा नहीं हो सका। वर्ष 2018 में संग्रहालय आने वालों की संख्या घटकर 69289 रह गई। एक वर्ष में ही 23319 पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। यह संग्रहालय के लिए भी चिंता का सबब है। विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी आई कमी :

हर वर्ष माघ मेला में हजारों की संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं पर भारतीय संस्कृति-सभ्यता, स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े लगभग 80 हजार आब्जेक्ट वाले संग्रहालय में विदेशी सैलानियों की संख्या न के बराबर है। यहां 2016 में केवल 150 विदेशी सैलानी आए। 2017 में यह संख्या घटकर 129 व 2018 में महज 118 रह गई। एक विदेशी पर्यटक से संग्रहालय 500 रुपये का टिकट लेता है। बच्चों को भाई आजाद की पिस्टल :

इलाहाबाद संग्रहालय में बच्चों की संख्या में पहले बढ़ोत्तरी फिर कमी आई है। 2016 की तुलना में बच्चों की संख्या बढ़ी है। 2016 में कुल 16529 बच्चों ने संग्रहालय का भ्रमण किया था। 2017 में यह संख्या बढ़कर 34247 हो गई। 2018 मार्च तक यह संख्या 31284 रह गई। बच्चों को चंद्रशेखर आजाद की पिस्टल व महात्मा गांधी की घड़ी खूब भाई। अपना गेट भी नहीं, पार्किंग सबसे बड़ी समस्या :

इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि संग्रहालय का अपना सेपरेट प्रवेश द्वार न होना व पार्किंग की व्यवस्था न होना सबसे बड़ी समस्या है। अगर कोई पर्यटक अपने निजी वाहन से आए और संग्रहालय देखना चाहे तो उसे गाड़ी पार्किंग एक से दो किलोमीटर दूर करनी होती है। इसके अलावा प्रयागराज में दिल्ली दर्शन की तर्ज पर टूरिस्ट बसें भी नहीं चलती हैं जो प्रयागराज का दर्शन कराएं। कुंभ के लिए क्या है विशेष तैयारी :

कुंभ के लिए इलाहाबाद संग्रहालय ने भी विशेष तैयारी की है। कुंभ के दौरान श्रद्धालु एडवांस में टिकट खरीद सकेंगे, जिसकी वैधता तीन दिन होगी। कुंभ क्षेत्र में लगने वाले शिविर में ऑडियो-वीडियो के माध्यम से पर्यटकों को प्रयागराज के वैभव, संस्कृति, ऐतिहासिक स्थलों से परिचित कराया जाएगा। डॉ. सुनील गुप्ता ने बताया कि प्रमुख स्नान की तिथियों पर गाधी स्मृति वाहन को संग्रहालय के गेट पर खड़ा किया जाएगा।


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