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प्रतापगढ़ में कस्तूरबा स्कूल की बालिकाओं को जल्द ही किचन गार्डेन से मिलेंगी ताजी सब्जियां

12 विद्यालयों में खाली जमीन है जहां किचेन गार्डेन बनाया जा सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग ने किस विद्यालय में कितनी जमीन खाली है इसकी जानकारी सीडीओ को दे दी है। जल्द ही मनरेगा से कस्तूरबा स्कूलों की खाली पड़ी जमीन पर किचेन गार्डेन तैयार कराकर मौसमी सब्जियां लगाई जाएंगी।

By Edited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 04:48 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 05:15 PM (IST)
प्रतापगढ़ में कस्तूरबा स्कूल की बालिकाओं को जल्द ही किचन गार्डेन से मिलेंगी ताजी सब्जियां
जिले के 12 विद्यालयों में खाली जमीन है, जहां किचेन गार्डेन बनाया जा सकता है।

प्रतापगढ़, जेएनएन। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली बालिकाओं को अब ताजी एवं मौसमी सब्जियां खाने को मिलेंगी। इसके लिए स्कूलों में किचेन गार्डेन बनाए जाएंगे और इसी में सब्जियां लगाई जाएंगी। सीडीओ के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने कस्तूरबा बालिका स्कूलों में खाली पड़ी जमीन का ब्यौरा इकट्ठा कर भेज दिया है। इसी जमीन पर किचेन गार्डेन बनाया जाएगा। जल्द ही स्कूलों में खाली पड़ी भूमि पर मनरेगा योजना से किचेन गार्डेन तैयार कराकर मौसमी सब्जियां उगाई जाएंगी।

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12 विद्यालयों में है खाली जमीन

जिले में 15 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों में मनरेगा से किचेन गार्डेन स्थापित करने के लिए सीडीओ ने जानकारी बीएसए से मांगी थी। बेसिक शिक्षा विभाग की पड़ताल में जिले में संचालित किए जा रहे कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में आसपुरदेवसरा, शिवगढ़ व गौरा में खाली जमीन नहीं है। इसके अलावा 12 विद्यालयों में खाली जमीन है, जहां किचेन गार्डेन बनाया जा सकता है। बेसिक शिक्षा विभाग ने किस विद्यालय में कितनी जमीन खाली है, इसकी जानकारी सीडीओ को दे दी है। जल्द ही मनरेगा से कस्तूरबा स्कूलों की खाली पड़ी जमीन पर किचेन गार्डेन तैयार कराकर मौसमी सब्जियां लगाई जाएंगी। इसमें पालक, मूली, सोआ, मेथी, भिंडी, करैला, लौकी, कद्दू, मिर्चा, गोभी, प्याज आदि सब्जियां लगाई जाएंगी। इससे स्कूल में पढ़ने वाली बालिकाओं को मौसमी हरी और ताजी सब्जियां खाने को मिलेंगी।

बीएसए का कहना है

बीएसए अशोक कुमार सिंह का कहना है कि कस्तूरबा विद्यालयों में मनरेगा से किचेन गार्डेन बनाने की पहल सीडीओ ने की है। जिले के 12 ऐसे कस्तूरबा विद्यालय हैं, जहां खाली जमीन है। किस विद्यालय में कितनी जमीन है, इसकी रिपोर्ट सीडीओ को भेज दी गई है। जल्द ही स्कूलों में खाली पड़ी जमीन में मौसमी सब्जियां लगाई जाएंगी। इसकी देखेरख वार्डेन व स्कूल की बालिकाएं करेंगी।


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