गायत्री प्रजापति के मुकदमे की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में टली
पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति दुष्कर्म के आरोप में लखनऊ जेल में बंद हैं। एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई टाल दी गई। कोर्ट ने अगली सुनवाई एक जून मुकर्रर की है। गवाह को भी रहना होगा।
प्रयागराज, जेएनएन। विशेष कोर्ट एमपी एमएलए में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के मामले की सुनवाई हुई। दुष्कर्म के आरोप में लखनऊ जेल में बंद गायत्री प्रसाद प्रजापति, अशोक तिवारी, विकास वर्मा, आशीष शुक्ला, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिन्टू, चंद्रपाल, रूपेश्वर उर्फ रूपेश के मुकदमे में गवाही नहीं हो सकी है। विशेष कोर्ट एमपी एमएलए को शुक्रवार को आरोपितों की ओर से अवगत कराया गया कि लोकसभा पोल के कारण अभियुक्तगण जेल से नहीं आ सके हैं। ऐसे में विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी ने अग्रिम सुनवाई तिथि एक जून मुकर्रर कर दी है।
कोर्ट ने गवाह अनन्या को अग्रिम तिथि पर उपस्थित होने की चेतावनी दी
इसी मामले में एमपी एमएलए कोर्ट में दूसरे गवाह अनन्या पाठक की गवाही पेश होनी थी किन्तु गवाह के अधिवक्ता विश्वम्भरनाथ ने अर्जी पेश किया कि गवाह न्यायालय के समक्ष मौजूद है लेकिन अस्वस्थता के कारण गवाही देने में असमर्थ है। इस अर्जी पर बवाच पक्ष के अधिवक्ता ने अपनी आपत्ति कोर्ट में पेश करते हुए दलील दी कि जान बूझकर मुकदमे को लंबित किया जा रहा है। गवाह के साक्ष्य का अवसर समाप्त किया जाए। बचाव पक्ष के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने गवाह अनन्या पाठक को चेतावनी दी कि वे अग्रिम तिथि पर उपस्थित होकर साक्ष्य प्रस्तुत करें।
कोर्ट ने मामले के अन्य गवाह को भी गवाही के लिए आदेशित किया
मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि त्वरित निस्तारण की कार्यवाही अमल में लाई जाए। यदि मुकदमे के शीघ्र निस्तारण की कार्यवाही में किसी भी प्रकार की बाधा आती है तो साक्ष्य का अवसर समाप्त करते हुए विधि संगत कार्यवाही की जा सकेगी। कोर्ट ने मामले के अन्य गवाह सिपाही राम अंजोर को भी गवाही के लिए आदेशित किया है।
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