गंगा-यमुना का फिर बढ़ने लगा जलस्तर
फाफामऊ में शुक्रवार शाम गंगा का जलस्तर 81.22 मीटर दर्ज किया गया था। उस समय गंगा का पानी घट रहा था। आधी रात के बाद जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ। शनिवार सुबह यह जलस्तर बढ़कर 81.25 मीटर दर्ज किया गया जबकि शाम को 81.27 मीटर पहुंच गया। इसी तरह शुक्रवार शाम को यमुना का जलस्तर नैनी में 80.52 मीटर दर्ज किया गया था। तब यमुना भी घट रही थी। रात में ही यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हुई।
जासं, इलाहाबाद : गंगा और यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। शनिवार को दोनों नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। खासतौर पर यमुना में तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है।
फाफामऊ में शुक्रवार शाम गंगा का जलस्तर 81.22 मीटर दर्ज किया गया था। उस समय गंगा का पानी घट रहा था। आधी रात के बाद जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ। शनिवार सुबह यह जलस्तर बढ़कर 81.25 मीटर दर्ज किया गया जबकि शाम को 81.27 मीटर पहुंच गया। इसी तरह शुक्रवार शाम को यमुना का जलस्तर नैनी में 80.52 मीटर दर्ज किया गया था। तब यमुना भी घट रही थी। रात में ही यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हुई। शनिवार शाम तक यमुना का जलस्तर 80.59 मीटर पहुंच गया। छतनाग में शनिवार शाम दोनों नदियों का जलस्तर 80.03 मीटर पहुंच गया, जबकि यहां पर शुक्रवार शाम 79.91 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया था। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिकारियों का कहना है कि गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी होगी। इसको लेकर दोनों नदियों के निचले इलाके में हलचल बढ़ गई है। इन बस्तियों के लोगों में बाढ़ के खतरे को लेकर चिंता बढ़ गई है। प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। दरअसल, उत्तराखंड में ज्यादा बारिश के कारण टिहरी और नरौरा बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे गंगा का जलस्तर फिर बढ़ने लगा है। इसी तरह झांसी स्थित माताटीला से भी यमुना में पानी छोड़ा जा रहा है। वैसे भी मध्य प्रदेश में बरसात ज्यादा होने के कारण केन और बेतवा नदियों का पानी यमुना में आ रहा है। दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ की आशंका है। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिकारियों का कहना है कि बांधों का पानी यहां पहुंचते ही दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ सकता है। बुधवार तक तेजी से बढ़ा था जलस्तर
गंगा और यमुना का जलस्तर बुधवार सुबह तक तेजी से बढ़ा था मगर इसके बाद कम होने लगा था। हालांकि घटने की रफ्तार बेहद कम थी। शुक्रवार रात तक पानी घट रहा था मगर आधी रात के बाद गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे फिर बढ़ने लगा। बताते हैं कि बांधों से छोड़ा गया पानी गंगा में आने से जलस्तर बढ़ने लगा है।