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गंगा के बाढ़ का पानी वापस, घाट और रास्‍ते पर कीचड़ से स्‍नानार्थी परेशान Prayagraj News

गंगा और यमुना का जलस्‍तर यूं तो खतरे के निशान से छह मीटर नीचे पहुंच चुका है। वहीं वापस गया पानी कीचड़ गंदगी छोड़ गया जिससे गंगा स्‍नान को जाने वालों को दिक्‍कत हो रही है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 07:33 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 01:00 PM (IST)
गंगा के बाढ़ का पानी वापस, घाट और रास्‍ते पर कीचड़ से स्‍नानार्थी परेशान Prayagraj News
गंगा के बाढ़ का पानी वापस, घाट और रास्‍ते पर कीचड़ से स्‍नानार्थी परेशान Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। गंगा और यमुना नदियों के बाढ़ का पानी वापस लौट गया है।

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बाढ़ का पानी अब तेजी से कम हो रहा रहा है। वहीं लौट रहा पानी लोगों की परेशानी का कारण भी बन गया है। दोनों नदियों का पानी घटा तो संगम क्षेत्र में कीचड़ फैल गया है। हनुमान मंदिर से आगे कीचड़ फैले होने के कारण लोगों को गंगा स्नान के लिए जाने में परेशानी हो रही है।

गंगा-यमुना का लौटता पानी गंदगी छोड़ता जा रहा है

हफ्ते भर से लगातार गंगा और यमुना का पानी कम हो रहा है। दोनों नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से करीब छह मीटर नीचे जा चुका है बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी हट गया है। पानी निकलने के बाद लोग साफ सफाई में लगे हुए हैं। वहीं लौटता पानी ढेरों सारी गंदगी छोड़ता जा रहा है। शहर के नाले से बही गंदगी किनारे पट रही है। पानी कम होने के बाद फैले कीचड़ से दुर्गंध भी उठ रही है। आसार है कि अगले कुछ दिनों में वह सूख जाएगा तो राहत मिलेगी। वहीं संगम क्षेत्र में गंगा का पानी हनुमान मंदिर से करीब पांच सौ मीटर दूर जा चुका है लेकिन मंदिर के आगे कीचड़ फैला है। गंगा का पानी लौटा तो बालू नहीं बल्कि कीचड़ ज्यादा छोड़ गया है।

इस बार दिक्कत अधिक, माघ मेला का काम भी हो रहा प्रभावित

कुंभ मेला के दौरान यहां पर बनाई गई सड़कें कीचड़ से सनी हैं। वैसे हर साल बाढ़ के बाद कुछ ऐसा ही माहौल होता था लेकिन इस बार मिट्टी कुछ ज्यादा ही आ गई है। इस बाढ़ के चलते माघ मेला का काम प्रभावित हो रहा है। अभी इसे सूखने में कई दिन लगेगा, उसके बाद माघ मेला प्राधिकरण काम शुरू करेगा।

नदी का जलस्तर

फाफामऊ में गंगा - 78.93 मीटर

छतनाग में गंगा - 77.69 मीटर

नैनी में यमुना - 78.04 मीटर

खतरे का निशान - 84.73


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