Move to Jagran APP

अतुल्य गंगा परिक्रमा का दूसरा चरण शुरू, अब लक्ष्य गोमुख

जासं प्रयागराज अविरल निर्मल गंगा के सपने को साकार करने के लिए चल रही मुंडमाल पदयात्रा का दूसरा दौर मंगलवार को त्रिवेणी संगम से शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Mar 2021 07:11 PM (IST)Updated: Wed, 31 Mar 2021 03:07 AM (IST)
अतुल्य गंगा परिक्रमा का दूसरा चरण शुरू, अब लक्ष्य गोमुख
अतुल्य गंगा परिक्रमा का दूसरा चरण शुरू, अब लक्ष्य गोमुख

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : 'सबका साथ हो, गंगा साफ हो' नारे के साथ अविरल निर्मल गंगा का सपना साकार करने के लिए चल रही अतुल्य गंगा परिक्रमा का दूसरा चरण मंगलवार को पावन त्रिवेणी से शुरू हो गया। पदयात्री कौशांबी, फतेहपुर, कानपुर होते हुए गंगा किनारे-किनारे गोमुख तक जाएंगे। अगस्त के दूसरे पखवारे में त्रिवेणी संगम पर ही इसका समापन होगा।

prime article banner

बीते साल 16 दिसंबर को झूंसी के समुद्रकूप से अतुल्य गंगा ट्रस्ट के तत्वावधान में गंगा की पूर्ण परिक्रमा का आगाज हुआ था। पहला चरण पश्चिम बंगाल में गंगासागर था। सेवानिवृत्ति सैन्य अफसरों की इसमें बढ़ चढ़कर सहभागिता है। संस्थापक गोपाल शर्मा, रिटायर लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहमी, कर्नल मनोज केश्वर, रिटायर कर्नल आरपी पांडेय, रिटायर कमांडर विश्वनाथन, फोटो जर्नलिस्ट रोहित उमराव, रोहित जाट, हीरेन भाई पटेल, शगुन त्यागी स्थायी पदयात्री के रूप में हैं। होली से पहले स्थायी पदयात्री गंगासागर से प्रयागराज लौटे थे। यहां से सभी गंगा की बायीं तरफ से गए थे और अब दायीं तरफ से लौटे हैं। फिलहाल करीब तीन हजार किलोमीटर का रास्ता तय हो चुका है। यह लक्ष्य का 50 फीसद है। छह हजार किमी की कुल पदयात्रा है। इसमें पांच राज्यों के 45 शहर और पांच हजार गांव पदयात्रियों को मिलेंगे। पदयात्री 13 मानकों पर गंगा की निर्मलता का आकलन कर रहे हैं। 26 हजार पौधे रोपने का लक्ष्य भी है। दो दिन प्रयागराज में विश्राम के बाद मंगलवार की सुबह दूसरे चरण शुरू हुआ। करीब 40 किलोमीटर चलकर सभी कौशांबी के बदनपुर घाट पहुंचे। यहीं स्नान कर रात्रि विश्राम किया। हीरा व्यापारी सावजी ढोलकिया भी जुड़े

गुजरात के प्रसिद्ध हीरा व्यापारी सावजी ढोलकिया भी अतुल्य गंगा टीम से जुड़ गए हैं। वह पदयात्रियों से पटना में मिले थे। उन्होंने पदयात्रियों को आर्थिक मदद देने की इच्छा जाहिर की जिसे लेने से पदयात्रियों ने यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि जो कुछ सहयोग करना हो, वह गंगा की निर्मलता के लिए किया जाय। ढोलकिया भी दो दिन पदयात्री के रूप में साथ थे। अब उन्होंने अपने 10 सहयोगियों को पदयात्रा लिए भेजा है। यह पदयात्री भी बदनपुर घाट से टीम के साथ जुड़ गए। यह पदयात्री गंगा में प्रदूषण की जानकारी जुटा कर इसकी रिपोर्ट सावजी ढोलकिया को देंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.