Ganga Express Way: प्रयागराज में सर्किल रेट से चार गुना अधिक मिलेगा किसानों को मुआवजा, जमीन अधीग्रहीत होगी
Ganga Express Way गंगा एक्सप्रेस वे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक आएगा। 594 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस वे गंगा किनारे के शहरों और गांव में खुशहाली लाएगा। इसके लिए अभी जमीनों के अधिग्रहण का काम चल रहा है। प्रयागराज में इसकी जद में 20 गांव आ रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। गंगा नदी के किनारे किनारे प्रयागराज से मेरठ तक गंगा एक्सप्रेस-वे बनाने का काम आगे बढ़ रहा है। इस एक्सप्रेस-वे में जिन-जिन गांव की जमीनें आ रही है, पिछले दिनों जिला प्रशासन ने उसकी पैमाइश करके अधिसूचना जारी कर दिया है। अब गांव के किसानों से वह जमीन खरीदी जाएंगी। गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन सर्किल रेट से 4 गुना दाम पर खरीदी जाएंगी। यह प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। इसके लिए अभी किसानों से सहमति ली जा रही है।
गंगा एक्सप्रेस वे मेरठ से शुरू होकर बुलंदशहर, अमरोहा, बदायूं, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, उन्नाव, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज तक आएगा। 594 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस वे गंगा किनारे के शहरों और गांव में खुशहाली लाएगा। इसके लिए अभी जमीनों के अधिग्रहण का काम चल रहा है। प्रयागराज में इसकी जद में 20 गांव आ रहे हैं।
वह गांव है पश्चिम नारा, पूरब नारा, जलियासई, समसपुर, सराय मदनसिंह, चाटी, तरती, गिरधरपुर, सराय भारत, रोही, सेमकरनपुर, परसपुर नानी, सराय हरिराम, लखनपुरकरन, सराय अर्जन, मालापुर, कमालपुर, माधोपुर मलाक, बारी और जूड़ापुर दांदू है। इन गांवों के करीब 3600 किसानों की जमीन गंगा एक्सप्रेस वे में जा रही है। इन सभी को सर्किल रेट से 4 गुना जमीन का मुआवजा दिया जाएगा। एडीएम वित्त एमपी सिंह ने बताया कि एक्सप्रेस वे के लिए जिले में कुल 183 हेक्टेयर जमीन चाहिए। उसमें से 167 हेक्टेयर किसानों की है और 16 हेक्टेयर ग्राम सभा की है। जमीन खरीदने के बाद इसे उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) को सौंप दिया जाएगा। वह एक्सप्रेस-वे बनाएंगे।