Ganga-Yamuna नदियों में उफान जारी, हरिद्वार और नरौरा व कानपुर से लगातार छोड़ा जा रहा पानी Prayagraj News
हरिद्वार नरौरा और कानपुर से लगातार पानी छोड़े जाने से प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। हालांकि एनडीआरएफ व प्रशासन इस पर नजर रखे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर मे बढ़ोतरी जारी है। अगर इसी स्पीड में दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ता रहा तो इससे कछारी इलाकों की आबादी में बाढ़ का खतरा उत्पन्न होने की संभावना है। हालांकि जिला प्रशासन हर पल नदियों के जलस्तर को लेकर नजर रखे हुए है। वहीं कछारी इलाकों में रहने वाले लोग भावी बाढ़ की आशंका से परेशान हैं। हालांकि एनडीआरएफ सक्रिय है। पिछले वर्ष इन इलाकों में बाढ़ का पानी परेशानी का सबब बन गया था।
कई जगह से गंगा व यमुना में छाेड़ा जा रहा है पानी
गंगा-यमुना का जलस्तर 24 घंटे में 13 सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 78.60 मीटर हो गया है, जबकि खतरे का निशान 84.73 मीटर है। हरिद्वार, नरौरा व कानपुर से लगातार पानी छोड़े जाने से यह स्थिति बनी है। किले के पास बने टीले तक पानी पहुंच गया, जिससे जल पुलिस की चौकी जलमग्न हो गई। उधर, एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ संभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर लोगों से सतर्क रहने को कहा है।
एनडीआरएफ की टीम ने कई इलाकों का निरीक्षण किया
शुक्रवार को छतनाग में 74.42, नैनी 74.93 और फाफामऊ में 78.47 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया था। शनिवार को इसमें और बढ़ोतरी हुई। 24 घंटे में 13 सेमी की रफ्तार से बढ़े पानी के चलते छतनाग में 74.57, नैनी 75.06 और फाफामऊ में 78.60 मीटर जलस्तर पहुंच गया। हालांकि, अभी खतरे के निशान से यह काफी नीचे है लेकिन कछारी इलाकों की तरफ पानी तेजी से बढऩे लगा है। नदियों में जलस्तर बढऩे से सभी प्रमुख स्नानघाट जद में आ चुके हैं। एनडीआरएफ की टीम ने बघाड़ा, सलोरी, राजापुर समेत कई अन्य इलाकों का निरीक्षण किया। ये सभी इलाके पिछले वर्ष बाढ़ की चपेट में आए थे।