सेमिनार में विशेषज्ञों ने कहा, तकनीकी दक्षता का खेल है बैंक ऑडिट
सीए इंस्टीट्यूट ने बैंक ऑडिट पर सेमिनार आयोजित किया। इसमें विशेषज्ञों सीए ने बैंक ऑडिट की बारीकियों से लोगों को रूबरू कराया। बैंक ऑडिट को तकनीकी दक्षता का खेल बताया।
प्रयागराज : इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की इलाहाबाद शाखा ने सिविल लाइंस स्थित एक होटल में बैंक ऑडिट पर सेमिनार कराया। इसमें विशेषज्ञ ने कहा कि बैंक ऑडिट तकनीकी दक्षता का खेल है। गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) के मामलों में इसमें बड़ा खेल होता है। ऑडिट करते समय इस पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
आडिट के नाम पर बड़े एनपीए खातों को छुपाने की कोशिश की जाती है : अनिल
सेमिनार के प्रथम सत्र में कानपुर के सीए अनिल सक्सेना ने बताया कि ऑडिट के दौरान बैंक जान-बूझकर बड़े एनपीए खातों को छुपाने की कोशिश करते हैं। इसमें तकनीकी खेल होता है। कई बार उस फर्म के बचत खाते से पैसा डालकर, दूसरे व्यक्ति से पैसा उधार लेकर एनपीए खातों को खत्म कर दिया जाता है। ऑडिट करते समय जीएसटी रिटर्न देखने से काफी मदद मिलती है। रिटर्न से फर्म की स्थिति स्पष्ट हो जाती है। उन्होंने बढ़ते एनपीए लोन की चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की रिपोर्टिंग तथा ऋण के लिए सत्यापित होने वाले दस्तावेज के बारे में बारीक जानकारी दी।
निरंजन ने कृषि ऋण की जानकारी दी
दूसरे सत्र में मुंबई के सीए निरंजन जोशी ने कृषि ऋण के बारे में बताया। आरबीआइ के निर्देशों की जानकारी दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंडलायुक्त डॉ. आशीष गोयल और विशिष्ट अतिथि मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कहाकि जहां बड़ा लेन-देन होता है। वहां पर ऑडिट की महत्ता बढ़ जाती है। सेमिनार में इलाहाबाद शाखा के अध्यक्ष गौरव अग्रवाल, उपाध्यक्ष एवं सचिव दिव्या चंद्रा, कोषाध्यक्ष अतुल मिश्रा, पूर्व अध्यक्ष नितिन मेहरोत्रा, आरसी अग्रवाल, नीरज अग्रवाल समेत कानपुर, लखनऊ, दिल्ली, मीरजापुर, भदोही आदि के सीए मौजूद रहे।