नगर निगम में सोलर पैनल लगाने में किया गया 'खेल'
मामला नगर आयुक्त के संज्ञान में आने पर प्रथम दृष्टया इसमें उन्होंने गड़बड़ी पाई, इसलिए अपर नगर आयुक्त को जांच सौंपी गई। अपर नगर आयुक्त ने जांच के बाद रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंप दी है।
प्रयागराज: नगर निगम में सोलर पैनल लगाने में 'खेल' हुआ है। अपर नगर आयुक्त ऋतु सुहास की जांच में भी यह उजागर हुआ है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट नगर आयुक्त अविनाश सिंह को सौंप दी हैं। अब नगर आयुक्त को गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना है। नवी और नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय की ओर से तय रेट (170 रुपये प्रतिवॉट) पर करीब तीन वर्ष पहले निगम में 120-120 किलोवॉट क्षमता के दो सोलर पैनल लगाने का निर्णय हुआ। दिसंबर 2015 में इसे लगाने के लिए लखनऊ की एजेंसी (सोलर कोआपरेटिव सोसाइटी) से करार हुआ। एजेंसी ने नजूल विभाग की तरफ छत पर 120 किलोवॉट क्षमता का एक सोलर पैनल लगा दिया, जबकि दूसरा पैनल नहीं लग सका। जो सोलर पैनल लगा भी है, उसकी गुणवत्ता को लेकर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे, क्योंकि पैनल ठीक से काम नहीं कर रहा था। हालांकि, एजेंसी का काम संतोषजनक न होने से उसका भुगतान भी रोक दिया गया। इधर, काफी समय से पैनल ने बिल्कुल काम करना बंद कर दिया है। मामला नगर आयुक्त के संज्ञान में आने पर प्रथम दृष्टया इसमें उन्होंने गड़बड़ी पाई, इसलिए अपर नगर आयुक्त को जांच सौंपी गई। अपर नगर आयुक्त ने जांच के बाद रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंप दी है। 70 लाख का रनिंग पेमेंट :
दोनों सोलर पैनल लगाने के लिए करीब 2.60 करोड़ रुपये प्रस्तावित था। इसमें से 70 लाख रुपये एजेंसी को रनिंग पेमेंट कर दिया गया। दूसरा सोलर पैनल महापौर कार्यालय के ऊपर छत पर लगना था, जो नहीं लग सका। इस समय छत की मरम्मत हो रही है। जांच रिपोर्ट आ गई है, लेकिन उसका अध्ययन नहीं कर पाया हूं। मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा।
- अविनाश सिंह, नगर आयुक्त।