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गैंगस्टर में चार आरोपितों को चार-चार वर्ष कैद की सजा

आठ साल पुराने गैंगस्‍टर के चार आरोपितों को न्‍यायालय ने चार-चार साल कैद की सजा सुनाई है। उनपर अर्थदंड भी लगाया गया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 08:21 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 08:21 PM (IST)
गैंगस्टर में चार आरोपितों को चार-चार वर्ष कैद की सजा
गैंगस्टर में चार आरोपितों को चार-चार वर्ष कैद की सजा

कौशांबी : जनपद अपर सत्र न्यायाधीश पंचम प्रमोद कुमार ने सोमवार को आठ साल पुराने गैंगस्टर के चार आरोपियों को दोषी पाते हुए चार-चार साल की कैद की सजा सुनाई। साथ ही प्रत्येक पर छह-छह हजार का अर्थदंड लगाया।

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 वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि मामला पिपरी थाना क्षेत्र का है। 27 फरवरी 2010 को थानाध्यक्ष प्रतिभा सिंह हमराहियों के साथ क्षेत्र के भ्रमण पर थी। इसी दौरान कुछ लोगों ने उनसे अकेले मिलकर बताया कि क्षेत्र में रामदास पाल का गैंग सक्रिय है। वह अपने साथियों के साथ फिरौती, लूट व हत्या जैसे मामलों में जेल जा चुका है। गैंग के सदस्य अपने आॢथक व भौतिक लाभ के लिए आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। क्षेत्र में इनका भय व आतंक है।

 थानाध्यक्ष ने रामदास पाल, पंचमलाल, सुंदरपाल, हिमांशु उर्फ साहबलाल व प्रदीप कुमार के खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया और गैंगचार्ट अनुमोदित कराकर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। मामले का विचारण विशेष गैंगस्टर कोर्ट में चला। अभियोजन अधिकारी ने कुल नौ गवाहों को न्यायालय में पेश किया। सोमवार को न्यायालय ने चार आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट का दोषी पाया और उन्हें सजा सुना दी। जबकि पांचवें आरोपित रामदास पाल के जेल में होने के कारण सजा बाद में सुनाई जाएगी।

कोर्ट के आदेश पर दुष्कर्म के दो मामलों में पांच पर मुकदमा :

कौशांबी के करारी व सैनी कोतवाली क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में दुष्कर्म के दो मामलों में पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। कोर्ट के आदेश के बाद की गई इस कार्रवाई को लेकर आरोपितों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं पुलिस ने आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है।

 करारी इलाके की एक महिला 23 अक्टूबर 2017 को घर पर अकेली थी। इस बीच सरायअकिल थाना क्षेत्र के रानीपुर निवासी मोहसिम, अनीस, मुस्लिम व मीना बाजपुर पुरखास निवासी अली अहमद उसके घर पहुंचे और चारों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। विरोध करने पर पिटाई की। ग्रामीणों के ललकारने पर हमलावर धमकी देते हुए भाग निकले। मामले की शिकायत पीडि़ता ने थाने के अलावा आला अफसरों से भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पीडि़ता ने अदालत का सहारा लिया। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने साल भर बाद रविवार की शाम नामजद आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया।


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