'कान्हा' बनकर गुम हुआ, 'कृष्ण' बन लौटा, 19 साल बाद मिला जिगर का टुकड़ा Prayagraj News
आकाश भटकते-भटकते अनाथालय में पहुंचा। वहां से उसे कटरा निवासी दंपती ने गोद ले लिया। बड़े प्यार से उसको पाला और नाम रख दिया विशाल गुप्ता। अब वह अपने असली पिता के घर पहुंचा।
प्रयागराज, ताराचंद्र गुप्ता। बचपन में 'कान्हा' बनकर गुम हुआ और 'कृष्ण' बनकर घर लौटा। गोद लेने के बाद उसका नाम भी बदल गया लेकिन जब वह दोबारा गुम हुआ तो उसे जन्म देने वाले माता-पिता के ममता की छांव मिल गई। चैथम लाइन निवासी आकाश मिश्रा के जीवन की यह कहानी किसी फिल्म सरीखी है। कुछ ने तो कहानी को श्रीकृष्ण के जीवन से भी मिलती-जुलती बताया। इस मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि वह 19 वर्ष तक उसी इलाके में ही रह रहा था। यानी जहां से वह गायब हुआ था और जहां पालन-पोषण हो रहा था, दोनों ही मोहल्ले कर्नलगंज थाना क्षेत्र में ही हैं।
आकाश छह साल की उम्र में घर के बाहर से गायब हो गया था
शहर के चैथम लाइन इलाके में रहने वाले अवधेश कुमार मिश्रा का बेटा आकाश छह साल की उम्र में घर के बाहर से गायब हो गया था। खोजबीन के बाद उसका पता नहीं चला तो 27 अगस्त 2001 में अवधेश ने कर्नलगंज थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई। उधर, आकाश भटकते-भटकते अनाथालय में पहुंच गया। 10 वर्ष की उम्र में उसे कटरा निवासी विनोद गुप्ता और उनकी पत्नी नीलावती ने गोद ले लिया। बड़े प्यार से उसको पाला और नाम रख दिया विशाल गुप्ता।
विनोद ने उसके लिए नई स्कूटी खरीदी थी
स्कूल में दाखिला दिलाया, उसने नवीं कक्षा तक पढ़ाई की। बड़ा होने पर विशाल भी कचहरी के बाहर पालन करने वाले पिता विनोद की चाय-पकौड़ी की दुकान में मदद करने लगा। विनोद ने उसके लिए नई स्कूटी खरीदी। इसी बीच विशाल को उसे जन्म देने वाले माता-पिता के बारे में पता चला तो उसने तलाश शुरू कर दिया। करीब दो माह पहले वह स्कूटी लेकर गायब हो गया। इससे उसे पालने-पोसने वाले विनोद और नीलावती परेशान हो गए।
कर्नलगंज थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई
खोजबीन करते हुए कर्नलगंज थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने उसके मोबाइल नंबर की लोकेशन ट्रेस की तो रेलवे स्टेशन प्रयागराज के आसपास मिली हालांकि बाद में मोबाइल बंद हो गया। इसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी का पोस्टर चस्पा करवाया और राजापुर में रहने वाले विशाल के एक दोस्त को पकड़कर पूछताछ की।
थाने पहुंचे अवधेश और विनोद उसे अपना बेटा बताकर झगडऩे लगे
गुरुवार को इंस्पेक्टर कर्नलगंज अरुण त्यागी को सूचना मिली कि जिस स्कूटी को लेकर विशाल गायब हुआ है, वह चैथम लाइन में एक घर पर खड़ी है। पुलिस वहां पहुंची तो विशाल मिल गया। थाने पहुंचे अवधेश और विनोद उसे अपना बेटा बताकर झगडऩे लगे। एसएसपी के आदेश पर उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया तो विशाल ने जन्म देने वाले माता-पिता के साथ जाने की बात कही और 19 साल के बाद अब आकाश बनकर घर चला गया।
बोले इंस्पेक्टर कर्नलगंज
इंस्पेक्टर कर्नलगंज ने बताया कि गोद लेने का दावा करने वाला विनोद गुप्ता अनाथालय से गोद लेने संबंधित कोई कागजात नहीं दिखा पाए।