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मुश्किल में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हांगलू, जांच प्रक्रिया पूरी होने तक देश नहीं छोड़ पाएंगे Prayagraj News

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हांगलू के अरमानों पर कानूनी दांवपेच पानी फेरेगा। उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच प्रक्रिया पूरी होने के पहले वह देश छोड़कर विदेश नहीं जा सकेंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 08 Jan 2020 12:46 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jan 2020 12:46 PM (IST)
मुश्किल में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हांगलू, जांच प्रक्रिया पूरी होने तक देश नहीं छोड़ पाएंगे Prayagraj News
मुश्किल में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हांगलू, जांच प्रक्रिया पूरी होने तक देश नहीं छोड़ पाएंगे Prayagraj News

प्रयागराज, [गुरुदीप त्रिपाठी]। परेशानियों से बचने के लिए प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने भले ही इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के कुलपति पद की कुर्सी छोड़ दी। हालांकि मुसीबत उनका पीछा छोडऩे को तैयार नहीं है। प्रोफेसर हांगलू के विदेश जाने के रास्ते में अब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने जांच की दीवारें खड़ी कर दी है। हांगलू के अरमानों पर कानूनी दांवपेच पानी फेरेगा। जांच प्रक्रिया पूरी होने तक वह देश नहीं छोड़ पाएंगे।

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हांगलू के रास्ते में कानूनी दांवपेच दीवार बनकर खड़ी हुई

चार साल तक तमाम तरह के आरोपों और विवादों को झेलने के बाद प्रोफेसर हांगलू को जैसे ही अमेरिका और कनाडा से बेहतर नौकरी का अवसर मिला। उन्होंने देर न करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। जानकारों का दावा है कि हांगलू की कार्यशैली से मंत्रालय इतना खफा था कि उनके इस्तीफे की पेशकश मिलते ही फौरन मंजूरी देकर राष्ट्रपति के पास फाइल भेज दी। राष्ट्रपति ने भी देर न करते हुए उन्हें पद से मुक्त कर दिया। इस्तीफे की मंजूरी के बाद हांगलू को लगा कि अब वह इन सारे विवादों से कोसों दूर अपनी नई पारी शुरू कर सकते हैं। हालांकि अब उनके रास्ते में कानूनी दांवपेच दीवार बनकर खड़ी हो गई है। वित्तीय अनियमितता का मामला हो अथवा यौन उत्पीडऩ का केस। दोनों मामलों में अभी हांगलू को क्लीनचिट नहीं मिली है। मंत्रालय सूत्रों की मानें तो जांच पूरी होने तक वह किसी भी कीमत पर देश छोडऩे की इजाजत नहीं देगा। यदि जांच में आरोप सही मिलेंगे तो हांगलू की मुसीबतें और बढ़ जाएंगी। यदि आरोप गलत मिले तभी उनके अरमान पूरे हो सकेंगे।

मंत्रालय के राडार पर प्रशासनिक अफसर

प्रोफेसर हांगलू के इस्तीफे के बाद इविवि के प्रशासनिक अफसरों पर भी मंत्रालय नजर बनाए हुए हैं। ऐसा इसलिए कि प्रशासनिक पदों पर बैठे कई अफसरों की शिकायत की जा चुकी है। लगातार इनको पदमुक्त करने की भी मांग की जा रही है। उन पर यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि ये लोग जांच को प्रभावित कर सकते हैं। छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह ने आरोप लगाया है कि कुलपति के इस्तीफे के बाद देर रात तक कई कार्यालय खुले थे। ऐसे में जांच को प्रभावित करने की साजिश को नकारा नहीं जा सकता है। मंत्रालय सूत्रों की मानें तो इन अफसरों की फाइल भी जल्द ही खुलेगी। उसके बाद इन पर गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा है।


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