राजनीतिक दिग्गजों का मेजबान रहा है पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. जोशी का 'आंगिरस' बंगला Prayagraj News
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी का उनके टैगोर टाउन स्थित बंगला आंगिरस से 65 वर्ष का साथ रहा है। राजनीतिक दिग्गजों की यहां मेजबानी हुई है। यह बंगला अब बिकेगा।
प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मुरली मनोहर जोशी का टैगोर टाउन का बंगला 'आंगिरस' राजनीतिक दिग्गजों का मेजबान रहा है। अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह समेत शायद ही कोई बड़ा नेता हो जो इस बंगले में न आया हो। भारतरत्न नानाजी देशमुख जब प्रयागराज आते तो इसी में ठहरते थे।
डॉ. जोशी के पास 65 वर्ष से यह बंगला है
लगभग 65 वर्ष से यह बंगला डॉ. जोशी के पास है। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद डॉ. जोशी ने कर्मस्थली प्रयागराज से नाता लगभग तोड़ लिया। वर्ष 1996, 98 और 1999 में लगातार तीन बार इलाहाबाद से सांसद रहे डॉ. जोशी की राजनीतिक गतिविधियां इसी बंगले 'आंगिरस' से ही संचालित होती रहीं। उनकी एक बेटी प्रियंवदा की शादी इसी बंगले से हुई। जबकि दूसरी बेटी निवेदिता का विवाह दिल्ली में संपन्न हुआ था।
ऐसे बना डॉ. जोशी का बंगला
मेरठ से बीएससी करने के बाद मुरली मनोहर जोशी ने वर्ष 1951 में इविवि के भौतिक विज्ञान विभाग में एमएससी में प्रवेश लिया। वर्ष 1953 में एमएससी करने के बाद प्रो. देवेद्र शर्मा के सुपरविजन में शोध करने लगे। इस बंगले में उस समय भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर के. बनर्जी रहते थे। बंगला सरकारी था और हर महीने निश्चित किराया जिला प्रशासन को देना पड़ता था। वर्ष 1954 में प्रो. बनर्जी कोलकाता जाने लगे तो जिला प्रशासन से वार्ता कर डॉ. जोशी को बंगला आवंटित करा दिया। बाद में सरकार ने आवंटियों को घर बेचे तो डॉ. जोशी ने इसे खरीद लिया। इविवि में वह 1960 में शिक्षक हुए। पहले मकान पुराने मॉडल से बना था। वर्ष 1993 में नए सिरे से बंगले का निर्माण हुआ। डॉ. जोशी ने बंगले का नाम महर्षि अंगिरा (पुराणों में महर्षि अंगिरा को ब्रह्मा का मानस पुत्र तथा गुणों में सृष्टि केरचयिता ब्रह्मा के ही समान बताया गया है) के नाम पर आंगिरस रखा।
अब 'आंगिरस' बंगला पड़ोसी के नाम होगा
डॉ. मुरली मनोहर जोशी का टैगोर टाउन का बंगला 'आंगिरस' उनके पड़ोसी तथा ह्रïदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद मिश्र के नाम होगा। आज इस बंगले की रजिस्ट्री होने की उम्मीद है। इसके लिए सोमवार को ही डॉ. जोशी अपनी पत्नी तरला जोशी के साथ प्लेन से प्रयागराज पहुंचे। डॉ. जोशी तीन दिन तक प्रयागराज में प्रवास करेंगे। सोमवार दोपहर प्लेन से बमरौली एयरपोर्ट आने के बाद टैगोर टाउन स्थित अपने बंगले पर पहुंचे। यहां करीबी लोगों से मुलाकात की। संभवत: आज वह टैगोर टाउन के बंगले की रजिस्ट्री कर सकते हैं। शहर में आने का उनका उद्देश्य भी यही बताया जा रहा है। उनके बंगले को ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आनंद मिश्र खरीदेंगे। डॉ. आनंद इलाहाबाद विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र विभाग में प्रोफेसर रहे डॉ. हर्षनाथ मिश्र के बेटे हैं। डॉ. जोशी के ठीक बगल में डॉ. हर्षनाथ का भी बंगला है। दोनों लोग एक समय में ही इविवि में प्रोफेसर थे। दोनों के बीच मित्रता भी थी। इसीलिए डॉ. जोशी ने अपने बंगले को मित्र के बेटे के नाम करने का फैसला लिया।