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पूर्व राज्यसभा सदस्य राजबब्बर की निधि में गड़बड़ी का मामला, प्रतापगढ़ में नहीं मिली जालसाज व्यापारी के नाम कोई संपत्ति

चौक निवासी प्रदीप गोयल की देहरादून में फर्म थी। वह सरकारी काम का ठेका लेते हैं। पूर्व राज्यसभा सदस्य राजबब्बर की एमपी लैड से कुछ विकास कार्यों को कराने का ठेका उनकी फर्म को मिला था। सत्यापन में मौके पर व्यय धन के सापेक्ष कार्य नहीं मिला।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 07:14 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 07:14 PM (IST)
पूर्व राज्यसभा सदस्य राजबब्बर की निधि में गड़बड़ी का मामला, प्रतापगढ़ में नहीं मिली जालसाज व्यापारी के नाम कोई संपत्ति
प्रतापगढ़ जिला प्रशासन ने देहरादून के सीडीओ को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।

प्रयागराज, जेएनएन। कांग्रेस नेता व राज्यसभा के पूर्व सदस्य राजबब्बर की क्षेत्र विकास निधि (एमपी लैड) में गड़बड़ी करने के आरोपित व्यापारी के नाम यहां प्रतापगढ़ के सरकारी अभिलेख में कोई भी संपत्ति नहीं मिली है।  प्रतापगढ़ जिला प्रशासन ने देहरादून के सीडीओ को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।

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सीडीओ देहरादून ने  लिखा था पत्र

चौक निवासी प्रदीप गोयल की देहरादून में फर्म थी। वह सरकारी काम का ठेका लेते हैं। पूर्व राज्यसभा सदस्य  राजबब्बर की एमपी लैड से कुछ विकास कार्यों को कराने का ठेका उनकी फर्म को मिला था। सत्यापन में मौके पर व्यय धन के सापेक्ष कार्य नहीं मिला। देहरादून की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) निकिता खंडेलवाल ने बीते दिनों प्रतापगढ़ जिला प्रशासन को भेजे गए पत्र में लिखा है कि प्रतापगढ़ निवासी आरोपित प्रदीप ने एमपी लैड से  37.50 लाख रुपये ले लिए और कोई काम नहीं कराया। व्यापारी के पते में प्रतापगढ़ दर्ज था, इसलिए सीडीओ देहरादून ने डीएम प्रतापगढ़ से सरकारी पैसे की वसूली में सहयोग मांगा। आरोपित कारोबारी की संपत्ति की जांच एडीएम ने तहसीलदार (सदर) मनीष कुमार को सौंपी। कानूनगो व लेखपाल की टीम बनाई गई। नगर पालिका की टीम भी बनी। दोनों ही टीमों की जांच में प्रदीप की संपत्ति से जुड़ा अभिलेख नहीं मिला। प्रशासन कुर्की जैसी कार्रवाई नहीं कर पाया। एडीएम शत्रोहन वैश्य के मुताबिक सरकारी पैसे के गोलमाल का मामला है।

कैसे बन गया हैसियत प्रमाणपत्र

बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आरोपित का हैसियत प्रमाण पत्र कैसे बना? किस बैंक और अफसर के सहयोग से ऐसा हुआ। वैसे कहा जा रहा है कि हैसियत प्रमाण पत्र प्रतापगढ़ में नहीं बना है। 


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