पूर्व सांसद श्यामाचरण गुप्त 1996 में सपा के टिकट पर मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ लोक सभा चुनाव हारे थे
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव जी के संपर्क में आए तो राष्ट्रीय सचिव बने। वर्ष 2009 के चुनाव में श्यामाचरण गुप्त के चुनाव मीडिया प्रभारी रहे सपा के जिला प्रवक्ता दान बहादुर मधुर ने मिलनसार और सहृदय व्यक्तित्व के धनी थे।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रसिद्ध उद्योगपति श्यामाचरण गुप्त राजनीति के क्षेत्र के भी पुरोधा थे। उन्होंने नगर प्रमुख से लेक सांसद तक का सफर पूरा किया था। वह 1989 में इलाहाबाद के नगर प्रमुख बने थे। इस पद पर वह 1993 तक काबिज रहे। वे 1996 में सपा के टिकट पर मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ चुनाव हारे थे। बाद में 2014 में भाजपा से इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए। श्यामाचरण गुप्त का शुक्रवार की रात में निधन हो गया है।
श्यामाचरण गुप्त के विषय में आप भी जानें
नाम – श्यामाचरण गुप्त
पिता का नाम- स्वर्गीय तीरथप्रसाद गुप्त।
जन्म – 9 फरवरी 1945 बांदा जनपद उप्र।
शिक्षा – प्रयागराज में ईसीसी से स्नातक, लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि स्नातक।
राजनैतिक पृष्ठ भूमि – 1984 में बांदा संसदीय सीट से निर्दलीय प्रत्याशी, दूसरे स्थान पर रहे।
1989 में इलाहाबाद के नगर प्रमुख बने।
1991 में भाजपा के टिकट पर संसदीय चुनाव लड़े और हार गए।
सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आए
इसके बाद सपा मुखिया मा मुलायम सिंह यादव जी के संपर्क में आए, राष्ट्रीय सचिव मनोनीत किया गया।
राष्ट्रीय सचिव के रूप में सपा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जो चर्चा में रहा।
-1996 में सपा के टिकट पर मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ चुनाव लड़े हार गए।
-1999 में बांदा संसदीय क्षेत्र से समाजवादीपार्टी के उम्मीदवार रहे चुनाव हार गए।
-2002 में शहर दक्षिणी विधान सभा में केसरी नाथ त्रिपाठी जी के खिलाफ सपा उम्मीदवार रहे, हार गए।
-2004 में सपा से बांदा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए।
-2009 में सपा ने फूलपुर से उम्मीदवार बनाया लेकिन बसपा के कपिल मुनि से हार गए।
-2014 में भाजपा से इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए।
-2019 मे सपा के टिकट से बांदा से संसदीय चुनाव लड़े मगर हार गए।
सपा नेता ने कहा- मिलनसार थे श्यामाचरण गुप्त
वर्ष 2009 के चुनाव में श्यामाचरण गुप्त के चुनाव मीडिया प्रभारी रहे सपा के जिला प्रवक्ता दान बहादुर मधुर ने कहा कि वह बेहद मिलनसार और सहृदय व्यक्तित्व के धनी थे।