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ट्रिपलआइटी के स्थापना दिवस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. जोशी ने स्पेशल डाक कवर जारी किया Prayagraj News

ट्रिपल आइटी के स्‍थापना दिवस समारोह में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. मुरली मनोहर जोशी व एआइसीटीइ के पूर्व अध्यक्ष स्व. प्रो. एस. रामगौड़ा की पत्नी सुशीला रामेगौड़ा शामिल हुईं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 11:05 AM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 05:51 PM (IST)
ट्रिपलआइटी के स्थापना दिवस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. जोशी ने स्पेशल डाक कवर जारी किया Prayagraj News
ट्रिपलआइटी के स्थापना दिवस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. जोशी ने स्पेशल डाक कवर जारी किया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के स्थापना और राष्ट्र सेवा के 20 वर्ष पूर्ण होने पर 'बियांड 20-20Ó और 21वें वर्ष में प्रवेश के अवसर पर शनिवार को संस्थान के मुख्य प्रेक्षागृह में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्म विभूषण पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रो. मुरली मनोहर जोशी, एआइसीटीइ के पूर्व अध्यक्ष स्व. प्रो. एस. रामगौड़ा की पत्नी सुशीला रामेगौड़ा रहीं। इस अवसर पर स्पेशल डाक कवर जारी किया गया। वहीं डॉक्टर मुरली मनोहर मुक्तांगन का लोकार्पण सुशीला गौड़ा ने किया। इसके पूर्व अतिथियों का स्‍वागत किया गया।

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ट्रिपलआइटी का शिलान्यास डॉ. जोशी ने ही किया था

दरअसल, डॉ. जोशी ने मानव संसाधन विकास मंत्री रहते हुए प्रयागराज में वर्ष 1998-99 में ट्रिपलआइटी का शिलान्यास किया था। बाद में झलवा परिसर का उद्घाटन किया था। वह अपने दो दिन के प्रवास पर संस्थान के कई कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि रहे। इस दौरान दीक्षा मैदान में बने नवनिर्मित मुक्तांगन डॉ. मुरली मनोहर जोशी मुक्तांगन का नामकरण हुआ। इसी तरह परिसर की रिंग रोड का नाम स्व. राम गौड़ा के नाम से जाना जाएगा। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा गठित आइटी के लिए राष्ट्रीय कार्य बल के अध्यक्ष थे। देश में ट्रिपलआइटी की स्थापना उनकी सिफारिशों के बाद हुई। उनकी पत्नी सुशीला ने उद्घाटन किया। संस्थान के निदेशक प्रो. पी. नागभूषण कार्यक्रम की अध्यक्षता ने किया।

 

संस्थान का दूसरा मुख्य द्वार दिवंगत प्रो. एमजीके मेनन को समर्पित

इसी प्रकार संस्थान का दूसरा मुख्य द्वार दिवंगत प्रो. एमजीके मेनन को समर्पित होगा। उन्होंने बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में ट्रिपलआइटी के स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रथम द्वार का नामकरण प्रो. एआर वर्मा के नाम होगा। शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा।


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