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किडनी गायब प्रकरण : जांच कमेटी तो गठित हो गई पर जांच नहीं हुई शुरू Prayagraj News

शरीर में किडनी है या नहीं इसकी जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया था। हालांकि अभी तक कमेटी ने मामले की जांच नहीं शुरू की। आरोप काल्विन के डॉक्‍टर पर है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 07 Dec 2019 11:26 AM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 02:46 PM (IST)
किडनी गायब प्रकरण : जांच कमेटी तो गठित हो गई पर जांच नहीं हुई शुरू Prayagraj News
किडनी गायब प्रकरण : जांच कमेटी तो गठित हो गई पर जांच नहीं हुई शुरू Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। किडनी प्रकरण की जांच के लिए सीएमओ ने भले ही जांच कमेटी गठित कर दी है लेकिन जांच अभी नहीं शुरू हुई। जबकि जांच पूरी करके तीन दिन में ही इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। उधर पीडि़त हरिकेश की स्थिति गंभीर बनी हुई है। काल्विन से रेफर कर उसे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

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काल्विन के चिकित्सक पर है किडनी निकालने का आरोप

मामला मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल (काल्विन) का है। गुलाबबाड़ी अटाला निवासी मथुरा प्रसाद का आरोप है कि काल्विन के डॉक्टर ने उनके पुत्र हरिकेश की किडनी से स्टोन निकालने के साथ किडनी भी निकाल लिया है। यह आरोप लगाते हुए बुधवार को काल्विन अस्पताल में तीमारदारों ने जमकर हंगामा भी किया था। सीएमओ ने मामले की जांच के लिए तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम गठित कर दी है। हालांकि यह कमेटी अभी एक्टिव नहीं हुई है। पीडि़त हरिकेश व तीमारदार ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

सवाल यह कि सीटी स्कैन की रिपोर्ट क्या गलत है

हरिकेश की किडनी में पथरी थी। 18 अक्टूबर को काल्विन में सर्जन डॉ. राम मनोहर गुप्ता ने ऑपरेशन कर स्टोन को बाहर निकाला। 25 अक्टूबर को हरिकेश को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। कुछ दिन बाद ऑपरेशन वाले स्थान से मवाद निकलने लगा। दो दिसंबर को शहर के निजी स्कैनिंग सेंटर में हरिकेश का सीटी स्कैन कराया गया तो रिपोर्ट में नेफ्रोक्टमी (गुर्दा निकालना) की पुष्टि हुई। विशेषज्ञों की मानें तो इस रिपोर्ट की प्रिंटिंग में ही गड़बड़ी हो सकती है। यदि जांच कमेटी के सदस्य हरिकेश का पुन: सीटी स्कैन कराएं तो यह स्पष्ट होगा कि उसके शरीर में किडनी है या नहीं।

जांच के लिए भटकते रहे तीमारदार

हरिकेश को इलाज के लिए काल्विन अस्पताल में भर्ती किया गया लेकिन वहां स्पेशलिस्ट डॉक्टर न होने के कारण शुक्रवार को उसे एसआरएन के लिए रेफर कर दिया गया। पहले तो वहां भर्ती करने में हीलाहवाली की जा रही थी। भर्ती करने के घंटों तक उसका इलाज भी नहीं शुरू हुआ।

किडनी प्रकरण में मजिस्ट्रेटी जांच की मांग

कांग्रेसियों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य मुकुंद तिवारी के नेतृत्व में सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। मांग की गई कि काल्विन अस्पताल में किडनी निकालने का प्रकरण सामने आया है जो गंभीर है। पीडि़त हरिकेश गरीब परिवार से है। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इसमें लापरवाही किससे स्तर से हुई है। ज्ञापन सौंपने वालों में अनिल पांडेय, राजेंद्र मिश्र, हसीब, अनिल प्रजापति, वीरेंद्र यादव, दीपचंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।

बोले सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई 

सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई कहते हैं कि जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। इसमें स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. शबी अहमद भी शामिल हैं लेकिन वह इन दिनों शहर से बाहर हैं। हमने अस्पताल जाकर मरीज हरिकेश से मुलाकात की, उसे काल्विन से एसआरएन के लिए रेफर कराया गया है ताकि उसका बेहतर इलाज हो सके। जांच के बाद पता चल पाएगा कि क्या सच है।


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