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Kumbh mela 2019 : कुंभ में आए विदेशी पर्यटक को भी भा रही 'सोनाचूर्ण' की खुशबू

कुंभ मेला में आजीविका मिशन प्रदर्शनी लगी है। इसमें स्‍टाल पर सोनाचूर्ण चावल की मांग देशवासियों के साथ ही विदेशी पर्यटकों में भी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 09 Feb 2019 08:57 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 10:47 AM (IST)
Kumbh mela 2019 : कुंभ में आए विदेशी पर्यटक को भी भा रही 'सोनाचूर्ण' की खुशबू
Kumbh mela 2019 : कुंभ में आए विदेशी पर्यटक को भी भा रही 'सोनाचूर्ण' की खुशबू

राजकुमार श्रीवास्तव, प्रयागराज : यमुनापार के कोरांव क्षेत्र का सोनाचूर्ण (सोनाचूर) चावल अपनी खुशबू सात समंदर पार भी बिखेरेगा। इस चावल को कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के अलावा विदेशी पर्यटक भी खूब पसंद कर रहे हैं। कई विदेशी पर्यटक इस चावल को खरीदकर भी ले जा रहे हैं।

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आजीविका मिशन प्रदर्शनी में जुट रही भीड़

कुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर एक में आजीविका मिशन प्रदर्शनी (सरस मेला) लगी है। प्रदर्शनी में 39 स्टॉल लगे हैं। इसमें सूबे के सभी 75 जिलों के चुनिंदा स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा बनाए गए उत्पादों को बेचने का मौका दिया जा रहा है। समूहों से जुड़ी महिलाओं को यहां एक नया मुकाम मिल रहा है। अब तक 45 जिलों के एसएचजी की महिलाएं अपने उत्पाद के स्टॉल लगा चुकी हैं। सबसे ज्यादा बिक्री सोनाचूर्ण चावल, लकड़ी के खिलौने, बांस की वॉल हैंगिंग, बनारसी साडिय़ों और डिजाइनर सामानों की हो रही है।

सोनाचूर्ण चावल 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से मिल रहा है। यह एक, दो, पांच किलोग्राम की पैकिंग में उपलब्ध हैै। सोनाचूर्ण चावल की स्टॉल लगाने वाली मालती बताती हैं कि खाने में स्वादिष्ट होने के साथ इसकी खुशबू बहुत अच्छी होने से कई 'गोरेÓ भी छोटे पैकेट खरीदकर ले गए।

एसएचजी को आर्थिक मदद भी

समूहों को उत्पादों को लाने-ले जाने के लिए संबंधित जिलों से ट्रांसपोर्ट खर्च भी मिलेगा। स्टॉल लगाने वाली प्रत्येक महिला को खानपान और नाश्ते के लिए प्रतिदिन 200 रुपये दिए जा रहे हैं। परिसर में ही महिलाओं और उनके साथ आने वालों को रहने के लिए फेमिली कॉटेज बने हैं। खानपान के लिए प्रेरणा कैंटीन की भी व्यवस्था है। कैंटीन समूह की ही महिला चलाती है, खानपान का खर्च देना पड़ता है।

सफल महिलाओं का गुणगान भी

प्रदर्शनी में एलईडी स्क्रीन भी लगी है। जिस पर सफल महिलाओं की कहानियां 24 घंटे दिखाई जा रही है।

कहते हैं अधिकारी

छोटे सामानों की बिक्री खूब हो रही है। 31 जनवरी तक 45 लाख और नौ फरवरी तक 7.48 लाख रुपये की बिक्री हो चुकी है।

-शरद कुमार सिंह, जिला मिशन प्रबंधक।


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