CAA Protesters के लिए पूर्व सांसद Atiq Ahmad के इस मकान में बनती थी चिकन बिरयानी
CAA विरोधियों का धरना प्रयागराज के मंसूर अली पार्क में चल रहा था। पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद के जिस मकान को तोड़ा गया वहां सीएए विरोधियों के लिए खाना पकता था।
प्रयागराज, जेएनएन। फ्लैश बैक में जाएं तो आपको याद आएगा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी का विरोध। कुछ महीने पहले ही की तो बात है, जब प्रयागराज में भी खुल्दाबाद स्थित रोशन बाग में मंसूर अली पार्क में सीएए के विरोध में धरना काफी दिनों तक चला था। अब यहां आपको एक बात और बता दें कि सोमवार को माफिया व पूर्व सांसद अतीक के जिस मकान को ध्वस्त किया गया, उसमें सीएए और एनआरसी विरोधियों के लिए चिकन बिरयानी बनती थी।
पुलिस, प्रशासन व प्राधिकरण ने रेस्टोरेंट को नेस्तनाबूत कर दिया था
इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारियों की और भी कई तरह से मदद की जाती थी। इसकी जानकारी होने पर पुलिस, प्रशासन और प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बिरयानी का इंतजाम कराने वाले रेस्टोरेंट को नेस्तनाबूत कर दिया था। भाजपा सरकार में अतीक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होने से अब उसके करीबियों की कारस्तानी से भी पर्दा उठने लगा है। पुलिस के मुताबिक, दिसंबर 2019 में सीएए और एनआरसी को लेकर प्रयागराज समेत कई शहरों में प्रदर्शन हो रहा था। विरोध में सैकड़ों मुस्लिम महिलाएं, युवक और बच्चे खुल्दाबाद के मंसूर अली पार्क में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। यह सिलसिला करीब ढाई माह तक चलता रहा।
ट्राली पर लादकर खाने का सामान मंसूर अली पार्क भेजा जाता था
दिनों दिन विरोध उग्र होता जा रहा था और पार्क को खाली कराने में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को मशक्कत करनी पड़ रही थी। तभी पता चला कि मंसूर अली पार्क में दिनरात नारेबाजी करने वालों के लिए सिविल लाइंस से बड़ी मात्री में बिरयानी भेजी जाती है। ट्राली पर लादकर हर दिन कई बड़े-बड़े भगोने में बिरयानी के अलावा खाने का दूसरा सामान होता था। पुलिस अधिकारियों ने छानबीन की तो पता चला कि पैलेस सिनेमा के पास स्थित चिकन रेस्टोरेंट ईट ऑन है। उसका कारखाना नवाब यूसुफ रोड पर है। वहीं पर सीएए विरोधियों के लिए बिरयानी बनती है।
कारखाने पर जेसीबी चली तो हकीकत सामने आई
तफ्तीश में सच्चाई सामने आई तो एक दिन पुलिस, प्रशासन और पीडीए के अधिकारी जेसीबी लेकर रेस्टोरेंट पर पहुंच गए। फिर उसे ध्वस्त कर दिया गया। हालांकि उस वक्त अतिक्रमण का हवाला देते हुए कार्रवाई करने की बात कही गई थी, लेकिन अब कारखाने पर जेसीबी चली तो अधिकारियों ने हकीकत बयां कर दी।