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एनसीजेडसीसी : चंद कलाकारों को सरपरस्ती मिलने से लोक कलाएं पड़ रहीं कमजोर

एनसीजेडसीसी में चंद कलाकारों को प्रश्रय देने से लोक कलाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ठीक करने की जुगत कर रहे निदेशक के खिलाफ आवाज मुखर हुई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 01:24 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 01:24 PM (IST)
एनसीजेडसीसी : चंद कलाकारों को सरपरस्ती मिलने से लोक कलाएं पड़ रहीं कमजोर
एनसीजेडसीसी : चंद कलाकारों को सरपरस्ती मिलने से लोक कलाएं पड़ रहीं कमजोर

प्रयागराज : जिस उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना सांस्कृतिक कलाओं को संजोने, उन्हें पाल-पोस कर आगे बढ़ाने के लिए हुई थी, वह सियासत का शिकार हो गया है। चंद कलाकार और कर्मचारियों ने मिलकर ऐसा काकस तैयार किया कि सभी को यहां समान अवसर मिल पाना ही मुश्किल हो गया था। रोस्टर प्रणाली लागू कर इस काकस को तोडऩे का प्रयास करने वाले निदेशक इंद्रजीत ग्रोवर इन कारणों से भी विभागीय अफसरों के निशाने पर हैं।

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  इसे एक तरह से विफलता ही माना जाएगा कि एनसीजेडसीसी की स्थापना के बावजूद इस क्षेत्र से नौटंकी जैसी लोक कला कमोबेश गायब सी हो गई है। क्योंकि इसके कलाकारों को समय पर मंच और सुविधाएं नहीं मिल पाईं। इसी तरह एक विधा के एक कलाकार को बार-बार मौके दिए जाते रहे, बाकी कलाकार और नवोदित प्रतिभाएं उपेक्षित होती रहीं। जब इंद्रजीत ग्रोवर ने कार्यभार संभाला तो उन्होंने सबसे पहले कलाकारों के पेमेंट का सिस्टम दुरुस्त कराया। उनका यह कदम भी कर्मचारियों को रास नहीं आया।

 इसके बाद उन्होंने सामान्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों में और लोक कलाओं के प्रदर्शन में रोस्टर प्रणाली लागू कर दी, ताकि सभी कलाकारों को समान और न्यूनतम अवसर तो जरूर हासिल हो जाए। सूत्र बताते हैं कि इस काकस के तार यहां से लेकर दिल्ली तक जुड़े हैं, इसलिए जब सिफारिश नजरअंदाज होने लगीं तो निदेशक को घेरने की कोशिश शुरू हुईं। उनकी तैनाती को लेकर उठा विवाद इसी कवायद का हिस्सा माना जा रहा है।

राजभवन से अभयदान ले लौटे निदेशक :

तैनाती पर उठे विवाद के बाद एनसीजेडसीसी के निदेशक इंद्रजीत ग्रोवर ने सोमवार को राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने सारी स्थिति राज्यपाल के समक्ष रखी। सूत्रों की मानें तो राज्यपाल ने उन्हें अच्छे काम निरंतर रखने का प्रोत्साहन भी दिया। इस मुलाकात के बारे में निदेशक ने सिर्फ इतना कहा कि उन्होंने अपनी सारी बात रख दी है। नियुक्ति में कहीं कोई खामी नहीं है। उनका सारा फोकस अब कुंभ में होने वाली गतिविधियों पर है। हालांकि उन्होंने माना कि उनके सुधारात्मक कदम को कुछ लोग पसंद नहीं कर रहे हैं।

एनसीजेडसीसी को जल्द मिलेंगे दो सहायक निदेशक :

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) के लिए एक अच्छी खबर भी है। जल्द ही उसे दो नए सहायक निदेशक भी मिल जाएंगे। इससे कुंभ में कला और सांस्कृतिक गतिविधियों को प्लेटफार्म देने की तैयारियों को पंख लग सकेंगे। एनसीजेडसीसी में अभी तक सहायक निदेशक का एक भी पद स्वीकृत नहीं था। कुंभ में बड़े पैमाने पर कार्यक्रमों की तैयारी और उसके लिए विशेषज्ञों की जरूरत है। जबकि इस बीच जिस एकाउंट अफसर के पास कार्यक्रम अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार था, उसने भी यह प्रभार छोड़ दिया है।

क्या कहते हैं एनसीजेडसीसी के निदेशक :

निदेशक इंद्रजीत ग्रोवर ने बताया कि इस पद के लिए कई आवेदन आ चुके हैं। जल्द ही कमेटी इनका इंटरव्यू लेकर चयन की प्रक्रिया पूरी कर लेगी। उम्मीद है कि 15 दिन में यह लोग काम करना शुरू कर देंगे।


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