कागजों में हो गया फा¨गग व छिड़काव, हकीकत कुछ और
कौशांबी के मूरतगंज विकास खंड क्षेत्र के दर्जन भर से अधिक गांव में फागिंग व छिड़काव को सिर्फ कागजों पर ही दिखाया जा रहा है जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। मच्छरजनित बीमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग संजीदा नहीं है।
इलाहाबाद : पड़ोसी जनपद कौशांबी के मूरतगंज विकास खंड क्षेत्र के दर्जन भर से अधिक गांव में फा¨गग व कीटनाशक दवा का छिड़काव नहीं कराया गया। जबकि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों ने कागजों में इस कार्य का कोरम पूरा कर दिया है। गांव में जलजमाव के बीच मच्छरों का प्रकोप बढ़ा हुआ है। मलेरिया व टाइफाइड के मरीजों की लाइन अस्पतालों में लग रही है लेकिन मच्छरजनित बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।
सितंबर माह में मौसम के बदलते मिजाज के चलते संक्रामक बीमारियों ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिए हैं। गांवों में बारिश का पानी नालियों व सड़कों में भरा हुआ है। निकासी के कोई उचित इंतजाम नहीं हैं। कीटनाशक दवा के छिड़काव व फा¨गग को लेकर स्वास्थ्य महकमा बेपरवाह है। ऐसा ही नजारा मूरतगंज क्षेत्र के दर्जन भर से अधिक गांव में भी देखने को मिल रहा है। मूरतगंज ब्लाक क्षेत्र में कुल 62 गांव शामिल हैं। इनमें दर्जन भर से अधिक ऐसे गांव हैं, जहां न तो छिड़काव कराया गया है और न ही फा¨गग। यदि कुछ गांवों का जिक्र करें तो सैंता, कशिया, जीवनगंज, बलिहावां, भीखमपुर, बरई सलेम सगरा, बसेढ़ी, बजहा, शाखा बरीपुर, अशरफपुर, मलाक नागर आदि गांवों के लोगों का यही कहना है कि उनके गांव में अब तक कोई छिड़काव नहीं हुआ। गांव की नालियां कूड़े से सटी हुई हैं। जलनिकासी की व्यवस्था न होने के कारण लोगों के घरों का पानी गांव की गलियों में बह रहा है। ठहरे हुए पानी के चलते दुर्गंध उठ रही है और जहरीले मच्छर जन्म ले रहे हैं। सैंता गांव के रामभवन, जीवनगंज के रणविजय, बसेढ़ी के मंजीत ¨सह और मलाक नागर गांव के अनिल शर्मा ने बताया कि सफाई के लिए कई बार ग्राम प्रधान समेत जिम्मेदार अफसरों से शिकायत की गई लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने कागजी कोरम पूरा करने के लिए मूरतगंज ब्लाक क्षेत्र के सभी 62 गांव में फा¨गग व छिड़काव करा दिया गया।
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मूरतगंज ब्लाक क्षेत्र के सभी गांव में स्वास्थ्य विभाग की ओर से फा¨गग व कीटनाशक दवा का छिड़काव कराए जाने की जिम्मेदारी संबंधित एएनएम को दे दी गई है। यदि इसके बावजूद गांवों में छिड़काव नहीं कराया जा रहा है तो इसकी जांच कराकर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
- डॉ. सुनील कुमार ¨सह, प्रभारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मूरतगंज