Coronavirus संक्रमण से 'मुरझाई' फूलों की बगिया, प्रयागराज के फूल बाजार पर लग गया है ग्रहण
प्रयागराज में नैनी स्थित पुराने यमुना पुल के पास गेंदा और गुलाब की ही खेती होती है। वाराणसी से भी फूल मंगाए जाते हैं। कोरोना संक्रमण काल के पहले कम से कम तीन-चार ट्रक फूल यहां आते थे लेकिन अब महज एक ही ट्रक फूल आ रहा है।
प्रयागराज, [राजेंद्र यादव]। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण का शिकार फूल बाजार भी हुआ है। पहले की अपेक्षा बिक्री में आधे से कम अधिक का अंतर आ गया है। जो फूल प्रतिदिन दस लाख रुपये से अधिक का बिकता था, वह सिमटकर तीन लाख रुपये के आसपास पहुंच गया है। यही कारण है कि इस धंधे से जुड़े लोग परेशान हैं। दर्जनों फूल-माला की दुकानें बंद हो गईं हैं। इससे इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है।
वाराणसी से मंगाए जाते हैं फूल
वैसे तो नैनी स्थित पुराने यमुना पुल के पास फूलों की खेती की जाती है लेकिन यहां सिर्फ गेंदा और गुलाब की ही खेती होती है। फूलों को व्यापारी यहां से तो खरीदते ही हैं लेकिन वाराणसी से भी फूल मंगाए जाते हैं। कोरोना संक्रमण काल के पहले कम से कम तीन-चार ट्रक फूल यहां आते थे लेकिन अब महज एक ही ट्रक फूल आ रहा है। वह भी एक दिन छोड़कर मंगवाया जाता है।
शादी विवाह न होने का पड़ा असर
कोरोना काल से पहले शादी विवाह में फूलों की बड़ी डिमांड रहती थी। मंडप से लेकर हर जगह फूल ही फूल नजर आते थे, लेकिन कोरोना ने ऐसा ग्रहण लगाया कि शादी विवाह भी सीमित हो गए। गेस्ट हाउस आदि की बुकिंग न होने के कारण फूलों की डिमांड कम हो गई। दूल्हे के वाहन को भी फूलों से सजाने को लेकर लोग सावधानी बरतने लगे हैं। इसके अलावा मंदिरों में भी अब लोग बहुत कम ही फूल-माला लेकर पूजा-पाठ को पहुंचते हैं।
यहां सजती हैं माला-फूल की दुकानें
शहर के पुराने यमुना पुल के पास, रामबाग, लोकनाथ, परेड मैदान के साथ ही प्रमुख मंदिरों पर फूल-माला की दुकानें सजती हैं। लेकिन अब यहां संख्या बेहद कम हो गईं हैं। पहले यहां 30-40 दुकानें लगती थीं लेकिन अब यह संख्या आधी हो गई है।