गंगा-यमुना तबाही मचाने को बेताब, पानी खतरे के निशान से एक मीटर नीचे Prayagraj News
गंगा और यमुना का पानी जिले के 66 गांवों में और शहर के दो दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में घुस गया है। दारागंज में तो सैकड़ों घरों में पानी पहुंच गया है। पानी खतरे के करीब है।
प्रयागराज, जेएनएन। मध्य प्रदेश व उत्तराखंड के बांधों और बैराजों से छोड़ा गया पानी तबाही मचाने को बेताब है। उफनाई गंगा व यमुना का कहर फसलों पर बरपने लगा है। गंगापार और यमुनापार में सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो गई हैैं। जिस तेजी से दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है, उससे आशंका जताई जा रही है कि शनिवार रात तक दोनों नदियों का पानी खतरे के निशान तक पहुंच सकता है। फिलहाल शनिवार की दोपहर तक पानी खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे है।
नियंत्रण कक्ष का नंबर
0532-2641577
0532-2641578
आपदा राहत प्रभारी
9454417588
जलस्तर की सूचना
0532-2504313
0532-2440515
66 गांवों में प्रवेश कर गया गंगा-यमुना का पानी
शुक्रवार रात गंगा और यमुना का पानी जिले के 66 गांवों में प्रवेश कर गया। इसी तरह शहर के दो दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में बाढ़ का पानी घुस गया है। दारागंज में तो सैकड़ों घरों में पानी पहुंच गया है। इसके कारण लोगों को घर छोड़कर पलायन करना पड़ा। वैसे लोग शुक्रवार सुबह से ही अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाते रहे। सलोरी ,गंगा नगर, बघाड़ा औऱ निचले कछारी इलाके में शनिवार की दोपहर बाद घरों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। सलोरी, गंगानगर, छोटा बघाड़ा, बड़ा बघाड़ा, जोंधवल, गंगानगर व दारागंज की सड़कों पर आवागमन बंद हो गया है।
निचले इलाकों में जिला प्रशासन ने कराई मुनादी
जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में शुक्रवार को भी मुनादी कराकर सुरक्षित स्थानों पर जाने को लोगों से कहा। इसके अलावा दोनों नदियों में प्राइवेट नावों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। लोगों को नदी में नहाने के दौरान सतर्कता बरतने को कहा गया है। खासतौर पर बच्चों और महिलाओं को नदी की ओर न भेजने की सलाह दी गई है।
शुक्रवार रात का जलस्तर मीटर में
गंगा (फाफामऊ में) - 82.87
यमुना (नैनी में) - 82.76
गंगा-यमुना (छतनाग में) -82.12
खतरे का निशान -84.73
चेतावनी बिंदु -83.73
बेतवा और केन नदी के साथ कानपुर बैराज और नरौरा बांध से छोड़ा गया पानी
सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिकारियों ने बताया कि आठ लाख क्यूसेक पानी बेतवा नदी स्थित माताटीला व चार लाख क्यूसेक पानी केन नदी स्थित बरियारपुर बांध से शुक्रवार को छोड़ा गया। बरियारपुर बांध से छोड़े गए पानी का असर दिखने लगा है जबकि माताटीला के पानी का असर शनिवार दोपहर बाद दिखेगा। मध्य प्रदेश में बारिश के कारण इन नदियों में बाढ़ की स्थिति है जिससे बांधों से पानी छोड़ा गया है। इसी तरह कानपुर बैराज से दो लाख और नरौरा बांध से एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जिसके कारण गंगा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है।
खास-खास
- 08 लाख क्यूसेक पानी माताटीला व 04 लाख क्यूसेक पानी बरियारपुर बांध से शुक्रवार को छोड़ा गया
- 02 लाख क्यूसेक कानपुर बैराज से व 01 लाख क्यूसेक पानी नरौरा बांध से गंगा में छोड़ा जा रहा पानी
बाढ़ की स्थिति से शहर के निचले इलाकों में बढ़ी हलचल
नदियों में तेजी से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने से निचले इलाकों में हलचल बढ़ गई है। द्रौपदी घाट, राजापुर, गंगानगर, बेली, मेहदौरी, जोंधवल, शंकरघाट, रसूलाबाद, बघाड़ा, शिवकुटी, चिल्ला, बघाड़ा, सादियाबाद, दारागंज तथा यमुना किनारे सदियापुर, ककरहा घाट, बक्शी मोढ़ा, बक्शी कला आदि मोहल्लों में पानी घुस गया है।
एक नजर इधर भी
- आज शाम तक खतरे के निशान तक पहुंच सकता है उफनाई नदियों का पानी
- शहर के दो दर्जन मोहल्लों और 66 गांवों में घुसा बाढ़ का पानी, हाहाकार
- सलोरी, बघाड़ा, दारागंज, गंगानगर क्षेत्र की कई सड़कों पर आवागमन बंद
- प्राइवेट नावों पर लगाई गई रोक, नदी में नहाने के दौरान सतर्कता के निर्देश
- गंगापार व यमुनापार इलाके में देखते ही देखते सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न
व्यवस्था
- आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित, रात और दिन में लगाई गई अफसरों की ड्यूटी
- लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए जिला प्रशासन ने कराई मुनादी
जिले में 23 आपदा राहत टीमें
जिले में बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए आपदा राहत की 23 टीमें गठित की गई हैैं। सदर तहसील क्षेत्र में पांच टीमें जबकि अन्य छह तहसीलों करछना, मेजा, बारा, हंडिया, फूलपुर व सोरांव में तीन-तीन टीमें बनाई गई हैैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी का बाढ़ राहत दल व जल पुलिस को भी लगा दिया गया है। जिले में बाढ़ राहत की 99 चौकियां स्थापित की गई हैैं, जिनमें राजस्व कर्मियों, स्वास्थ्य विभाग, विद्युत विभाग व पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
बोले एडीएम वित्त एवं राजस्व
एडीएम वित्त एवं राजस्व तथा आपदा राहत प्रभारी एमपी सिंह ने बताया कि बाढ़ से निपटने के सभी एसडीएम व तहसीलदार को निर्देश दे दिए गए हैैं। जिला स्तर पर भी मॉनीटरिंग की जा रही है।
बह गईं नावें, चौकियां व तख्त
गंगा व यमुना की बाढ़ में दारागंज, कीडगंज, गऊघाट, मोहब्बतगंज, कंजासा, छतनाग के विभिन्न घाटों से डेढ़ सौ से ज्यादा नावें बह गईं। नाविकों ने बताया कि गुरुवार रात उनकी नावें बह गईं। इसी तरह बांध के नीचे तीर्थ पुरोहितों के कई तख्त व चौकियां भी बाढ़ के पानी में बह गईं।
बदरा की पुलिया डूबी, कई गांवों का संपर्क कटा
गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से शुक्रवार को झूंसी स्थित बदरा गांव की पुलिया फिर डूब गई। इसके चलते कई गांवों का आपस में संपर्क कट गया। नाव के सहारे लोग इस पार से उस पार आ-जा रहे हैं। दर्जनों किसानों के खेत बाढ़ के पानी में समा गए हैं। नई झूंसी, पुरानी झूंसी, छतनाग, नींबी व बदरा समेत कई गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है।