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Ganga-Yamuna Flood : प्रयागराज में बाढ़ का खतरा, हजारों एकड़ फसल पर संकट के बादल

Ganga-Yamuna Flood प्रयागराज में गंगा के कछारी क्षेत्र में हजारों एकत्र में धान की खेती की गई है। इस समय फसलें लहलहा रही हैं लेकिन उस पर बाढ़ का संकट खड़ा हो गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 03:00 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 04:35 PM (IST)
Ganga-Yamuna Flood : प्रयागराज में बाढ़ का खतरा, हजारों एकड़ फसल पर संकट के बादल
Ganga-Yamuna Flood : प्रयागराज में बाढ़ का खतरा, हजारों एकड़ फसल पर संकट के बादल

प्रयागराज, जेएनएन। गंगा-यमुना में बढ़ते जलस्तर से एक बार फिर किसानों के माथे पर पसीना छूट रहा है। खेतों में लहलहाती धान की फसल पर बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। पानी खेतों के बिल्कुल करीब पहुंच गया है। करीब दो मीटर गंगा-यमुना में पानी और बढ़ने पर हजारों एकड़ फसलें जलमग्न हो जाएंगी। यही सोचकर किसान परेशान हैं।

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कछारी इलाकों में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है

जिले के फूलपुर, सोरांव, मेजा, करछना, हंडिया तहसील क्षेत्र के कछारी इलाकों में बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। खासकर सोरांव तहसील क्षेत्र में। श्रृंग्वेरपुर से लेकर मलाक हरहर तक कछारी क्षेत्र में हजारों एकत्र में धान की खेती की गई है। इसी प्रकार फूलपुर तहसील क्षेत्र के बदरा सोनौटी, मुंशी का पुरवा, जैतवारडीह समेत दर्जनों गांव के लोगों ने कछार में धान की फसल लगाई है। इस समय फसलें लहलहा रही हैं, लेकिन उस पर बाढ़ का संकट खड़ा हो गया है। अगर पानी खेतों में चढ़ा ताे फसलों का बर्बाद होना तय माना जा रहा है।

पिछले वर्ष भी तबाह हो गए थे किसान

पिछले वर्ष आई बाढ़ ने भी किसानों को तबाह किया था। तीन सप्ताह से अधिक समय तक खेतों में पानी भरा था, जिस कारण धान की फसलें सड़ गईं थी। किसानों की गाढ़ी कमाई डूब गई थी। आर्थिक संकट तो उत्पन्न हुआ ही था, किसान कर्जदार भी हो गए थे।

सब्जियों की खेती भी हो जाएगी नष्ट

कछार में धान के साथ ही सब्जियों की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है। किसान यहां लौकी, नेनुआ, कद्दू, तरोई की खेती करते हैं। बाढ़ के पानी से इन सब्जियों की खेती भी संकट गहरा गया है। किसानों का कहना है कि सब्जियों का भाव अभी से बाजार में आसमान का भाव छू रही हैं। अगर बाढ़ से ये बर्बाद हुईं तो किसान तो बर्बाद होगा ही, बाजार में इसका भाव दो से तीन गुना बढ़ेगा।


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