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शहर के कई मोहल्लों में ठहरा है बाढ़ का पानी Prayagraj News

गंगानगर मऊ सरैया नेवादा कछार ओमनगर बेली जोंधवल बघाड़ा के काफी क्षेत्र में पानी ठहर गया है। बुधवार को दिन भर गंगा स्थिर रहीं जबकि रात में तेजी से घटने लगीं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 09:53 AM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 09:53 AM (IST)
शहर के कई मोहल्लों में ठहरा है बाढ़ का पानी Prayagraj News
शहर के कई मोहल्लों में ठहरा है बाढ़ का पानी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन : बाढ़ की त्रासदी झेल रहे निचले इलाके के लोगों के लिए पानी का ठहराव नई समस्या बन गई है। कई मोहल्लों में बाढ़ का पानी ठहर सा गया है। इससे दुर्गंध और गंदगी बजबजा रही है।

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गंगानगर, मऊ सरैया, नेवादा कछार, ओमनगर, बेली, जोंधवल, बघाड़ा के काफी क्षेत्र में पानी ठहर गया है। बुधवार को दिन भर गंगा स्थिर रहीं जबकि रात में तेजी से घटने लगीं। यमुना का जलस्तर भी रात में तेजी से नीचे जाने लगा। बताते हैैं कि निचले इलाकों में हजारों प्लाटों में पानी भरा है। कई निचली गलियों में अब भी बाढ़ की स्थिति है। सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार का कहना है कि नदियों के घटने की गति कभी तेज तो कभी कम है। यही नहीं जलस्तर कई-कई घंटे स्थिर हो जाता है। यही वजह है कि पानी रुक जा रहा है। फिलहाल पानी काफी नीचे चला गया है। उधर, एसडीएम सदर गौरव रंजन श्रीवास्तव का कहना है कि बाढ़ के बाद अब लोग अपने घरों को लौटने लगे हैैं। बुधवार को काफी संख्या में लोग अपने घरों को लौटे।

सफाई के लिए लगाए गए मजिस्ट्रेट:

बाढ़ के बाद गलियों में गंदगी और नालियों में सिल्ट की सफाई के लिए नगर निगम की टीम के साथ मजिस्टे्रटों की भी तैनाती की गई है। एडीएम वित्त व राजस्व तथा प्रभारी अधिकारी आपदा राहत एमपी सिंह ने बताया कि एसडीएम सदर, सभी एसीएम को लगा दिया गया है। वे सफाई कर्मियों की टीम की निगरानी कर रहे हैैं।

फसलों की क्षति का सर्वे शुरू :

 ग्रामीण इलाके में बाढ़ से बर्बाद हुईं फसलों की क्षति का सर्वे शुरू हो गया है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर ही मुआवजा दिया जाएगा। एडीएम वित्त एवं राजस्व एमपी सिंह ने बताया कि सभी एसडीएम व तहसीलदार को इसके लिए निर्देश दिए गए हैैं। वे गुरुवार तक सर्वे रिपोर्ट देंगे, जिसे शासन को भेजा जाएगा। बताया कि सोरांव, फूलपुर, हंडिया, बारा, करछना, मेजा के लगभग 85 गांव गंगा व यमुना की बाढ़ की चपेट में आ गए थे। इन गांवों में काफी तादाद में फसल जलमग्न हो गई थी। उन्होंने बताया कि फसल बीमा कवर के अलावा मुआवजा भी दिया जाएगा।

आज तक ही चलेंगे राहत शिविर

 बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए शहर और देहात में 14 राहत शिविर बनाए गए थे जिसमें लगभग चार हजार पीडि़़तों ने आश्रय लिया था। एसडीएम सदर ने बताया कि गुरुवार शाम तक शिविर संचालित होंगे। यह भी बताया कि 80 प्रतिशत से ज्यादा पीडि़त अपने घरों को लौट गए हैैं। गुरुवार तक अन्य भी लौट जाएंगे।

बुधवार का जलस्तर मीटर में

गंगा (फाफामऊ में)      -83.55

यमुना (नैनी में)          -83.43

गंगा-यमुना (छतनाग में) -8288


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