शहर के कई इलाकों में पहुंचा बाढ़ का पानी
जासं, इलाहाबाद : गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी के साथ खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। गंगा और
जासं, इलाहाबाद : गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी के साथ खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। गंगा और यमुना में आई बाढ़ के कारण निचले इलाकों में पानी घुसने लगा है। आधा दर्जन मुहल्ले और डेढ़ दर्जन गांवों में घुस गया है। इससे इन इलाकों के लोगों की नींद उड़ गई है। देर रात तक कई मोहल्ले के लोग टहलते रहे। शहर और ग्रामीण क्षेत्र में लगभग छह लाख की आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। मंगलवार रात आठ बजे गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 81.64 मीटर दर्ज किया गया। पिछले 24 घंटे में यह जलस्तर 97 सेमी बढ़ा है। इसी तरह रात आठ बजे ही नैनी में यमुना का जलस्तर 81.37 मीटर दर्ज किया गया। जो जलस्तर पिछले 24 घंटे में एक मीटर 40 सेमी बढ़ा है। छतनाग में दोनों नदियों का जलस्तर रात आठ बजे 80.81 मीटर दर्ज किया गया। जो पिछले 24 घंटे में एक मीटर पांच सेमी जलस्तर बढ़ा है। रात में भी तेजी बनी रही। इससे गंगा के किनारे, नेवादा, द्रौपदी घाट, रसूलाबाद, बेली गांव, शंकरघाट, करनपुर, बघाड़ा, ढरहरिया में पानी घुस गया। यमुना किनारे ककरहा घाट, करैलाबाग, बलुआघाट में पानी चढ़ने लगा। इसके अलावा महेवा, मड़ौका, कंजासा, पालपुर, बीरवल, लवायन, मवैया, रवनिका, छतनाग, बजहा, धनैचा, डीहा, कबरा, रामपुर सेमरहा, लकटहा आदि गांवों में भी पानी चढ़ गया है। नरौरा व टिहरी से चार लाख क्यूसेक और छोड़ा पानी
नरौरा तथा टिहरी बांध से दो-दो लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। शनिवार और रविवार को नरौरा से चार-चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। उसी पानी के यहां पहुंचने से गंगा का जलस्तर बढ़ा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह पानी यहां पहुंचा तो निचले इलाके के लोगों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं। पलायन करने लगे निचले इलाके के लोग
दारागंज, ढरहरिया, करनपुर, बघाड़ा, नेवादा के बाढ़ प्रभावित लोग मंगलवार देर रात सुरक्षित स्थान की ओर जाने लगे। काफी लोग अपने सामान घरों से निकालकर दूसरे स्थानों पर जाने लगे। संगम स्थित तीर्थपुरोहित भी बांध पर अपना डेरा जमा लिए हैं। नदियों के उफान से कोरांव के एक दर्जन गांव कटे
संसू, कोरांव : लगातार हो रही बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बेलन, डूड़ियारी व लपरी नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बेलन नदी पर बना भोगन घाट का पुल रात से ही बंद हो गया है। इससे बड़ोखर भोगन, मलीपुर, दादर, जवा बांध गांवों के लोग करीब 15 किमी अधिक दूरी तय करके देवघाट पुल से कोरांव जा रहे हैं। वहीं कुछ लोग बाइक को नाव में रख कर यात्रा कर रहे हैं। बड़ोखर के समीप डूड़ियारी नदी के उफान के कारण भी वहां पर आवागमन बाधित है। एसडीएम ने किया निरीक्षण
मंगलवार को बारा एसडीएम दयाशंकर पाठक ने यमुना किनारे बसे गांव पंडुवा, प्रतापपुर, सेमरी तरहार, मझियारी तरहार, कचरा नगवार, जगदीशपुर, पूरे किन्नर, बीरवल, कंजसा, भीटा, घूरपुर का दौरा किया। पंडुवा, महेरा तरहार, चिल्ला गौहनी में बनी बाढ़ राहत चौकियों पर तैनात राजस्व कर्मियों को दिन रात अलर्ट रहने को कहा। बाढ़ को लेकर प्रशासन ने कसी कमर
फूलपुर : फूलपुर तहसील प्रशासन ने बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले 23 व सामान्य बाढ़ से प्रभावित होने वाले 60 गांवों के लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सात स्थानों पर बाढ़ नियंत्रण केंद्र बनाया गया। 13 स्थानों पर बाढ़ राहत शिविर की स्थापना की गई है। शरणालय शिविर पर स्टाफ तैनात कर दिया है। नाव सहित राहत सामग्री की व्यवस्था कर ली गई है। गंगा के समीप के ढोकरी उपरहार, लीलापुर कला, कोटवा, झूंसी, मलावा खुर्द, दुर्वासा आश्रम, कुसुगुर में बाढ़ नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है। बाढ़ राहत चौकियां एक्टिवेट, शरणालय बनाने के निर्देश
इलाहाबाद : डीएम सुहास एलवाई ने शहर और ग्रामीण क्षेत्र में बनाई गईं अस्थायी बाढ़ राहत चौकियों को क्रियाशील करने के निर्देश दिए। इसके साथ शरणालय बनाकर वहां खाद्यान्न, पेयजल तथा पशुओं के चारे, दवाइया तथा अन्य समस्त सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। ऐसे में बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की व्यवस्था कराई जाए। पार्षदों, ग्राम प्रधानों व गणमान्य व्यक्तियों को भी बाढ़ राहत के लिए आगे आने को कहा। बताया कि पीएसी की 42वीं एवं 4वीं बटालियन, जल पुलिस की तैनाती कर दी गई है। एनडीआरएफ टीम, सेना तथा वायु सेना को भी अलर्ट कर दिया गया है।