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छोटा बघाड़ा और फाफामऊ के इलाकों में घुसा गंगा का पानी Prayagraj News

भले ही गंगा और यमुना नदियों के जलस्‍तर बढ़ने का रफ़तार कम हुआ है लेकिन प्रशासन अलर्ट है। बाढ़ संभावित इलाकों में समस्‍या से निपटने के लिए तैयारी की गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 08:14 AM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 01:40 PM (IST)
छोटा बघाड़ा और फाफामऊ के इलाकों में घुसा गंगा का पानी Prayagraj News
छोटा बघाड़ा और फाफामऊ के इलाकों में घुसा गंगा का पानी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। खतरे के निशान को छूने के लिए बेताब गंगा और यमुना में पानी बढऩे की रफ्तार धीमी पड़ गई है। फाफामऊ  मे गंगा नदी का जलस्तर सोमवार की अपेक्षा धीमी गति से बढ़ रहा है कछारी इलाकों में  किसानों द्वारा बोई गई फसलें जलमग्न हो गई हैं। वहीं कई मोहल्लों में पानी घुस गया है। लोग बाढ़ की आशंका से  भयभीत हैं। गंगानगर और फाफामऊ के दक्षिणी छोर पर बसे मोहल्ले के लोग रात भर जागकर निगरानी करते रहे। वहीं शहर के छोटा बघाड़ा के ढरहरिया की आबादी वाले क्षेत्र में गंगा नदी का पानी घुस गया है। इससे लोग अपने सामानों के साथ सुरक्षित स्‍थानों की ओर जाने लगे हैं।

गंगा-यमुना में जलस्‍तर बढ़ने की स्‍पीड कम है
गंगा और यमुना नदियों का जलस्‍तर बढ़ने की स्‍पीड धीरे है लेकिन बाढ़ का खतरा तो है ही। प्रशासन इन नदियों के जलस्तर के कारण संभावित बाढ़ से निपटने के लिए अलर्ट है। एहतियात के तौर पर संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ, पीएसी और जल पुलिस की टीमें सक्रिय हैं।

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यमुना व बेतवा की सहायक नदियों में पानी छोड़ा गया था

शुक्रवार को यमुना की सहायक नदियां केन, बेतवा तथा बेतवा की सहायक नदी थसान में 732400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। साथ ही पहाड़ों पर बारिश से गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढऩे लगा। वह पानी यमुना नदी में प्रयागराज पहुंचने तक मुसीबत बनने लगा। शनिवार और रविवार को यमुना का जलस्तर खतरे के निशान की ओर लगातार बढ़ता देख प्रशासन सक्रिय हो गया था। नदी किनारे बसे लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी हो गई थी, लेकिन अब तक ऐसी नौबत नहीं आई। शहर में गंगा-यमुना किनारे के मोहल्लों में पानी घुसने लगा। किनारे बसे लोग भी सामान समेटने लगे, लेकिन सोमवार से पानी बढऩे की गति धीमी पड़ गई है। सुबह बाढ़ की गति छह सेंटीमीटर प्रति घंटे थी तो शाम तक एक सेंटीमीटर प्रति घंटे हो गई।

बोले एडीएम वित्त एवं राजस्व

एडीएम वित्त एवं राजस्व एमपी सिंह ने बताया कि गंगा में पीछे से पानी कम आ रहा है, जबकि यमुना में पर्वतीय इलाकों और मध्य प्रदेश की नदियों से पानी अधिक आ गया। इसलिए बाढ़ का खतरा मंडराने लगा था। सोमवार शाम को नैनी में यमुना का जलस्तर 82.36 मीटर रहा, जबकि गंगा नदी में फाफामऊ में 82.47 मीटर और छतनाग में 81.85 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया। यहां पर खतरे का निशान 84.73 मीटर है।


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