Move to Jagran APP

बारिश के चलते इलाहाबाद में दांव पर लगी लोगों की जिंदगी

जिलाधिकारी संजय कुमार ने बुधवार को भी तालाब का दौरा किया और पानी निकासी की व्यवस्था का निरीक्षण किया।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Thu, 13 Jul 2017 10:25 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2017 10:25 AM (IST)
बारिश के चलते इलाहाबाद में दांव पर लगी लोगों की जिंदगी
बारिश के चलते इलाहाबाद में दांव पर लगी लोगों की जिंदगी

इलाहाबाद (जागरण संवाददाता)। मुंडेरा सब्जी मंडी स्थित तालाब का तटबंध टूटने पर चक मीरापट्टी में जिंदगी नर्क बन गई है। प्रशासनिक अक्षमता की इससे बड़ी मिसाल कुछ नहीं हो सकती। चौबीस घंटे बीतने के बाद भी बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है। उन्हें तो अब दवा और दुआ की दरकार है। यहां पानी निकालने के लिए तीन पंपों की मदद ली जा रही है, मगर बहुत से मकान अभी भी पांच-पांच फीट पानी से घिरे हुए हैं।

loksabha election banner

लोगों को छतों पर दिन-रात गुजारनी पड़ रही है। अंधेरा होते ही चिंता सताने लगती है कि कहीं कोई जंगली जंतु न काट ले। खाने का जैसे-तैसे इंतजाम हो रहा है, लेकिन पीने के पानी का संकट दूर नहीं हो पाया। नाव से दूसरी तरफ आकर पानी लेकर जा रहे हैं।

लोगों को प्रशासन पर कोई एतबार नहीं है, वे ऊपरवाले से दुआ कर रहे हैं कि बारिश न हो। वहीं संक्रामक बीमारियों के पनपने की आशंका पर लोग भयभीत हैं। लगातार दो दिन बारिश होने पर तालाब का तटबंध मंगलवार सुबह लगभग तीन बजे टूट गया था। तालाब का तटबंध टूटने पर तालाब में भरा पानी चक मीरापट्टी में घुस गया।

जब सुबह लोगों की नींद टूटी तो घरों में पानी घुस चुका था। सुबह नौ बजे तक मीरापट्टी का पूरा इलाका जलमग्न हो चुका था। घरों में पांच-पांच फीट और घरों के बाहर आठ-आठ फीट तक जलभराव हो गया है। मंगलवार को दिनभर बारिश का सिलसिला चलने के कारण तालाब का पानी निकल नहीं पाया।

लोग रात भर डरे-सहमे रहे। भगवान से यही दुआ करते रहे कि बारिश बंद हो जाए। नहीं तो सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। बुधवार को सुबह से मौसम ने थोड़ी ढील दी। बारिश नहीं हुई, एकाध बार हल्के झींसे पड़कर रह गए। मीरापट्टी में अलग-अलग स्थानों पर चार नाव चल रही हैं।

लोगों को जो भी जरूरत की चीजों की जरूरत थी, वह नाव के सहारे खरीददारी कर रहे थे। जिलाधिकारी संजय कुमार ने बुधवार को भी तालाब का दौरा किया और पानी निकासी की व्यवस्था का निरीक्षण किया। देर रात तक मीरापट्टी से पानी निकालने का काम जारी रहा। सैकड़ों तालाब में जहां से पानी बाहर निकलता है। वहां पर बारिश से पूर्व पाइप की साफ-सफाई नहीं की गई। इसके कारण जब लगातार दो दिन बारिश हुई तो तालाब लबालब हो गया।

तालाब में लगातार जलस्तर बढ़ रहा था मुंडेरा मंडी सचिव और नगर निगम के आला अधिकारी सोए हुए थे। उन्हें इसकी बिल्कुल चिंता नहीं थी कि तालाब लबालब होने पर तटबंध टूट सकता है। जिसका डर था, वहीं हुआ। आखिरकार तटबंध टूट गया। सैकड़ों घरों में पानी घुसने पर नगर निगम की कुंभकर्णी नींद टूटी। पाइप लाइन के पास साफ-सफाई की गई, तब जाकर तालाब का पानी दूसरी तरफ निकल सका।

यह भी पढ़ें: अपने दौरों में तामझाम से सीएम योगी आदित्यनाथ नाराज

शायद यही कवायद पहले कर ली होती तो सैकड़ों घरों को नरकीय जिंदगी जीने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता।दो दिन से पीने के पानी के लिए तरस गए हैं। हमेशा डर लगा रहता है। कोई जंगली जंतु ने घर में आ जाए। कई लोगों के घरों में सांप निकल चुका है। दो दिन से ठीक से नींद नहीं आइ है।

यह भी पढ़ें: लखनऊ में मेट्रो चलने से पहले ही पहली बारिश में धंस गया मेट्रो स्टेशन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.