...तो इसलिए प्रयागराज में इस आवास योजना के खाली फ्लैट पिछले वित्तीय वर्ष के रेट पर ही बिकेंगे
मौसम विहार आवास योजना में बचे 136 फ्लैटों के वित्तीय वर्ष 2019-20 के विक्रय मूल्य को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए फ्रीज करने की स्वीकृति दी गई।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज के लोगों के लिए अच्छी खबर है। वह यह कि कालिंदीपुरम स्थित मौसम विहार आवास योजना में विभिन्न श्रेणी के खाली फ्लैट पिछले साल (वित्तीय वर्ष 2019-20) के रेट पर ही बेचे जाएंगे। फ्लैट की बिक्री न होने की वजह से दाम नहीं बढ़ाए जाएंगे। इससे लोगों को फायदा ही होगा। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) बोर्ड की 128 वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया।
मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई बैठक
मंडलायुक्त आर रमेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बोर्ड की बैठक में कुंभ मेला 2019 के दौरान शासन और प्राधिकरण की अवस्थापना धनराशि से प्राधिकरण द्वारा जिन सड़कों की चौड़ीकरण और सुंदरीकरण कराया गया है, उनके अनुरक्षण के लिए नगर निगम और लोक निर्माण विभाग को ट्रांसफर करने के संबंध में चर्चा हुई। सड़कों को ट्रांसफर करने से पहले प्राधिकरण को पैचवर्क कराने के लिए कहा गया। यह काम प्राधिकरण को अपनी अवस्थापना विकास निधि से कराना होगा। चौराहों पर निर्मित रोटरियों, स्कल्पचर्स और म्यूरल्स का रख-रखाव भी प्राधिकरण को इसी निधि से कराना पड़ेगा। जबकि स्कल्पचर्स और म्यूरल्स पर लगी लाइटों के बिजली बिल का भुगतान निगम को अपने स्ट्रीट लाइट के फंड से करना होगा।
बोर्ड को शमन योजना की भी जानकारी दी गई
नैनी में प्रस्तावित नई टाउनशिप में पांच फीसद व्यवसायिक गतिविधियों के मसले पर संशोधित नक्शे (तलपट मानचित्र) को भी बैठक में मंजूरी दी गई। इसी प्रकार मौसम विहार आवास योजना में बचे 136 फ्लैटों के वित्तीय वर्ष 2019-20 के विक्रय मूल्य को वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए फ्रीज करने की स्वीकृति दी गई। बोर्ड को 21 जुलाई 2020 से लागू शमन योजना की भी जानकारी दी गई।
बैठक में ये अफसर रहे मौजूद
बैठक में पीडीए के उपाध्यक्ष अंकित अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशांबी अमित कुमार सिंह , नगर आयुक्त रविरंजन, अपर जिलाधिकारी नजूल गंगाराम गुप्ता, सचिव डीएन प्रसाद, राजेंद्र मिश्र, रणजीत सिंह, कमलेश कुमार और शासन की ओर से नामित सदस्य शामिल थे। ग्रुप हाउसिंग भूखंड को कामर्शियल में परिवर्तन के लिए मांगे जाएंगे सुझाव कसारी-मसारी योजना में ग्रुप हाउसिंग भूखंड को कामर्शियल में परिवर्तित करने से पहले लोगों से आपत्ति और सुझाव मांगे जाने का निर्णय हुआ। आपत्तियों और सुझावों के बाद ही आगे की कार्रवाई करने पर सहमति बनी।