गंगा पूजन से पांच दिवसीय रामायण मेला का होगा शुभारंभ
श्रृंगवेरपुर धाम में बुधवार से प्रारंभ होने वाले पांच दिवसीय राष्ट्रीय रामायण मेला का गंगा पूजन कर विधि-विधान से शुभारंभ होगा। गंगा तट पर तंबू के साथ जगह-जगह प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। सभागार को आकर्षक रूप देने की तैयारियों को फिलहाल अंतिम रूप दिया जा चुका है। विभिन्न विभागों द्वारा लगाई जाने वाली प्रदर्शनी के लिए टेंट और कनात की व्यवस्था कर ली गई है।
श्रृंगवेरपुर : श्रृंगवेरपुर धाम में बुधवार से प्रारंभ होने वाले पांच दिवसीय राष्ट्रीय रामायण मेला का गंगा पूजन कर विधि-विधान से शुभारंभ होगा। गंगा तट पर तंबू के साथ जगह-जगह प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। सभागार को आकर्षक रूप देने की तैयारियों को फिलहाल अंतिम रूप दिया जा चुका है। विभिन्न विभागों द्वारा लगाई जाने वाली प्रदर्शनी के लिए टेंट और कनात की व्यवस्था कर ली गई है।
श्रृंगवेरपुर धाम में स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज के हाथों 31वें राष्ट्रीय रामायण मेला का बुधवार को शुभारंभ होगा। वह श्रीराम घाट स्थित गंगा के तट पर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ विधि-विधान से गंगा पूजन एवं मां शांता, श्रृंगी ऋषि का पूजन करेंगे। तत्पश्चात दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय रामायण मेला का बाकायदा श्रीगणेश होगा। उद्घाटन समारोह में पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय विधायक विक्रमाजीत मौर्य करेंगे। श्रृंगवेरपुर धाम में दाखिल होने के लिए पुलिस चौकी के ठीक सामने विशाल प्रवेश द्वार बनाया गया है। सभागार को सुंदर एवं आकर्षक रूप में सजाने के लिए कलाकार जुटे रहे। उद्घाटन समारोह के दौरान स्मारिका दर्शन श्रृंगवेरपुर धाम का लोकार्पण होगा। अतिथियों का सम्मान कार्यक्रम के बाद केंद्र एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आयोजित विकास प्रदर्शनी का उद्घाटन होगा। जिसके बाद श्री राम कथा, मानस प्रवचन, गंगा आरती एवं देर रात तक सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की जाएगी। मेला के दूसरे दिन गुरुवार को बृहद साक्षरता एवं जागरूकता सम्मेलन, विद्यालयों-महाविद्यालयों के छात्र एवं छात्राओं द्वारा रामचरितमानस पर आधारित रामायण ज्ञान, पोस्टर प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। 27 नवंबर शुक्रवार को पत्रकार सम्मेलन एवं स्वास्थ्य मेला के तहत निश्शुल्क स्वास्थ्य शिविर और रात में कवि सम्मेलन एवं मुशायरा का आयोजन होगा। 28 नवंबर शनिवार को कृषि ग्राम एवं विकास सम्मेलन तथा गंगा स्वच्छता जागरूकता संगोष्ठी और संस्कृत संभाषण के तहत राष्ट्रीय संस्कृति उपयोगिता संस्कार संगोष्ठी आयोजित होगी। 29 नवंबर रविवार को समापन समारोह पर भी कई कार्यक्रम आयोजित होंगे।