Ambika Murder Case latest Update : पुलिस टीम पर हमले के पांच आरोपित सलाखों के पीछे Prayagraj News
पुलिस पर हमले में पकड़े गए आरोपित राजेश अर्जुन सूर्य प्रकाश पवन पटेल व रवि शंकर को बुधवार को जेल भेज दिया गया। गांव में तनाव के मद्देनजर पीएसी व पुलिस तैनात है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ जिले के अंबिका मर्डर केस में आरोपितों पर शिकंजा कसता जा रहा है। फतनपुर थाना क्षेत्र के भुजैनी गांव में प्रेम प्रसंग में युवक अंबिका पटेल को जिंदा जलाकर मार डालने व पुलिस पर हमले के मामले में पुलिस धर-पकड़ कर रही है। जहां अंबिका को जलाकर मार डालने के मामले में दो आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। वहीं पुलिस पर हमले में पकड़े गए आरोपित राजेश, अर्जुन, सूर्य प्रकाश, पवन पटेल व रवि शंकर को बुधवार को जेल भेज दिया गया। गांव में तनाव के मद्देनजर पीएसी व पुलिस तैनात है। जले वाहन वहां से हटवा दिए गए हैं।
पांच सौ मीटर दौड़ाकर फूंकी थी पुलिस की जीपें
अंबिका की मौत को लेकर ग्रामीणों में इस कदर आक्रोश था कि पथराव करते हुए पांच सौ मीटर तक पुलिस का पीछा किया। पीछे हटने के दौरान अंधेरे में पुलिस रास्ता भटक गई। नहर के कारण आगे निकलने का कोई रास्ता नहीं था। ऐसे में पुलिस टीम ने दोनों गाडिय़ों को छोड़कर भुजैनी गांव से हटना ही मुनासिब समझा। करीब पांच सौ मीटर पीछा करके ग्रामीणों ने एसओ की जीप और डायल 112 की जीप को फूंक दिया।
ग्रामीणों ने पुलिस का दिया साथ, संभाला मोर्चा
ग्रामीणों का आक्रोश देख एसओ हवाई फायरिंग करते हुए पुलिस टीम के साथ पीछे हटते गए, लेकिन रास्ता न होने से दोनों गाड़ी फंस गई । ऐसे में गाडिय़ों को छोड़कर पुलिस कर्मी भागने लगे। पीछे हटते-हटते पुलिस पड़ोस के गांव बेहदौल खुर्द पहुंची। इसके बाद एसओ ने पुलिस टीम के साथ एक मकान की छत पर चढ़कर मोर्चा संभाल लिया। इसी बीच कली मुरादपुर के ग्रामीण भी पुलिस के साथ आ गए और लाठी-डंडा लेकर मुस्तैद हो गए। कली मुरादपुर के ग्रामीणों के जुटने पर मृतक के स्वजन सहित ग्रामीण अपने गांव की ओर लौट गए।
शातिर ने फोन करके पुलिस को बुलाया था
जिस समय भुजैनी गांव में अंबिका पटेल को पेड़ से बांधकर जिंदा जलाया गया, उस समय एसओ कली मुरादपुर गांव में एक विवाद निस्तारित करने गए थे। तभी भुजैनी गांव के एक युवक ने उन्हें फोन करके घटना की जानकारी दी, लेकिन उसने गांव के माहौल के बारे में कुछ नहीं बताया। यही वजह रही कि साथ में रहे तीन सिपाहियों के साथ एसओ मौके पर पहुंच गए। अगर उस युवक ने ग्रामीणों द्वारा किए जा रहे बवाल की जानकारी एसओ को दी होती तो वह पर्याप्त फोर्स लेकर मौके पर जाते।
सिपाही की जान लेने पर तुले थे ग्रामीण, फंस गए दारोगा
महिला सिपाही की आपत्तिजनक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में अंबिका की गिरफ्तारी करने वाले एक सिपाही की जान लेने पर ग्रामीण तुले थे। ग्रामीणों को हमलावर देख बैकफुट होने के दौरान एक दारोगा ग्रामीणों के बीच फंस गए थे, जिन्हें बड़ी सूझबूझ से एसओ निकालने में कामयाब रहे।
एसओ ने सूझबूझ का दिया परिचय
आरोपितों की गिरफ्तारी का आश्वासन देते हुए एसओ सिपाहियों के साथ पीछे होते जा रहे थे। इसी बीच दारोगा राजकुमार पांडेय ग्रामीणों के बीच फंस गए। इस पर एसओ सूझबूझ दिखाते हुए दारोगा से यह कहने लगे कि चलिए आरोपित को गिरफ्तार करें, यहां क्या कर रहे हैं। फिर एसओ ने पिस्टल से हवाई फायरिंग करते हुए किसी तरह से दारोगा व सिपाहियों को लेकर पीछे हटे। किसी तरह पीछे हटकर पूरी पुलिस टीम बेहदौल खुर्द गांव पहुंची, तब उनकी जान बच सकी।