कुंभ मेले में मिलेगा ऑनलाइन बिजली का कनेक्शन, पहली बार होगी व्यवस्था
कुंभ मेले में ऑनलाइन बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा। पहली बार यह व्यवस्था होगी। ऑनलाइन कनेक्शन और ई-भुगतान की सुविधा रहेगी।
प्रयागराज : इस बार प्रयागराज के कुंभ मेले में कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को बिजली कनेक्शन लेने के लिए ज्यादा भागदौड़ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्हें ऑनलाइन कनेक्शन भी मिलेगा। बिल के भुगतान के लिए भी उपभोक्ताओं को काउंटर तक जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। नेफ्ट अथवा आरटीजीएस के जरिए बिल का भुगतान कर सकेंगे। विद्युत विभाग यह व्यवस्था कुंभ मेले में पहली बार करने जा रहा है।
ऑनलाइन कनेक्शन और ई-भुगतान के लिए विभाग ने पंजाब नेशनलएवं आइसीआइसीआइ बैंकों से करार किया है। श्रद्धालुओं को जितने वॉट का एलईडी बल्व एवं ट्यूब रॉड लगवानी होगी, उसके लिए निर्धारित सिक्योरिटी मनी बैंकों के पोर्टल लिंक पर जाकर नेफ्ट अथवा आरटीजीएस के जरिए जमा करना पड़ेगा। इसके बाद यूनिट ट्रांजेक्शन रिपोर्ट (यूटीआर) दिखाकर कनेक्शन लिया जा सकेगा।
चार बड़े काउंटरों पर भी रहेगी सुविधा
परेड क्षेत्र, त्रिवेणी बांध के नीचे, झूंसी में काली रोड और अरैल घाट पर चार बड़े कैश काउंटर बनाए जाएंगे। इन चारों काउंटरों पर भी ऑनलाइन कनेक्शन की सुविधा रहेगी। उल्लेखनीय है कि श्रद्धालुओं के लिए बिजली मुफ्त रहेगी।
कितने वॉट के लिए कितनी सिक्योरिटी मनी (रुपये में)
-सात वॉट का एलईडी बल्ब-200
-14 वॉट का एलईडी बल्ब- 225
-20 वॉट का ट्यूब रॉड- 250
कामर्शियल कनेक्शन के लिए टैरिफ तय
कामर्शियल कनेक्शन के लिए लोड के मुताबिक टैरिफ तय किया गया है। हालांकि, 8.20 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल चार्ज किया जाएगा। बिल का भुगतान स्वाइप मशीन के जरिए और ऑनलाइन भी किया जा सकेगा। 20 स्वाइप मशीनें भी खरीदी जाएंगी।
अब सजावटी कार्यों पर जोर
कुंभ मेला क्षेत्र में विद्युत विभाग के इंफ्रास्ट्रक्चर का काम लगभग पूरा होने का दावा किया जा रहा है। अब पोलों की पेंटिंग, स्टीकर लगाने और नंबङ्क्षरग के कार्यों पर जोर है। सभी 54 उपकेंद्रों के बैकअप के लिए जेनरेटर भी लगाए जा रहे हैं। इन कामों को भी 15 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
मेला प्रशासन की संस्तुति पर मिलेगी 24 घंटे बिजली
अधिशासी अभियंता मनोज गुप्ता का कहना है कि मेला प्रशासन जिले में 24 घंटे बिजली देने के लिए कहेगा, उसे मिलेगी। कैंपों में दिन में बिजली नहीं दी जाती है, क्योंकि दिन में रेत के गर्म हो जाने से तंबुओं के गर्म होने से हादसे की संभावना बढ़ जाती है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यह व्यवस्थाएं की जा रही हैं। 60 वालंटियर्स की भी मांग मेला प्रशासन से की गई है। ताकि उनकी मदद से कल्पवासियों और श्रद्धालुओं की दिक्कतें जानकार उसे दूर कराया जा सके।
-अनिल कुमार वर्मा, अधीक्षण अभियंता कुंभ मेला।