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मजार पर ओपीडी: झाड़-फूंक कराने आए लोगों का मनोचिकित्सकों से सामना

पहली बार मजार पर ओपीडी करके झाड़-फूंक कराने आए लोगों की डॉक्टरों ने काउंसलिंग की। पांच सदस्यीय मनो चिकित्सकों की टीम प्रमुख मजारों पर जाएगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 21 Dec 2018 11:32 AM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 01:55 PM (IST)
मजार पर ओपीडी: झाड़-फूंक कराने आए लोगों का मनोचिकित्सकों से सामना
मजार पर ओपीडी: झाड़-फूंक कराने आए लोगों का मनोचिकित्सकों से सामना

जेएनएन, प्रयागराज। अभी तक अस्पतालों में ओपीडी चलते देखा व सुना होगा लेकिन पहली बार डॉक्टरों ने मजार पर भी ओपीडी की। यहां झाड़ फूंक कराने के लिए आए लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण कर उनका इलाज भी किया गया। उन्हें अस्पताल आकर मनोचिकित्सक से मिलने की सलाह भी दी गई। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 'दुआ से दवा तक' यह अभियान से शुरू हुआ।

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समस्या समझी परामर्श दी

आज सिकंदरा स्थित मजार पर कॉल्विन अस्पताल के मनोचिकित्सकों ने डॉ. राकेश कुमार पासवान के नेतृत्व में शिविर आयोजित किया। इसमें 200 लोगों ने हिस्सा लिया जो यहां झाड़-फूंक के लिए आए थे। मनोचिकित्सकों ने लोगों की समस्याएं सुनकर उन्हें परामर्श दिया। समाज में प्रचलित भ्रांतियों को दूर करना व ऐसी परेशानियों के मनोवैज्ञानिक पहलुओं को समझ कर इलाज के लिए प्रेरित किया गया। इस कार्य में मजार के प्रबंधक समेत अन्य लोगों ने सहयोग किया।

इलाज के लिए प्रेरित किया 

डॉ. ईशान्या राज ने बताया कि इसमें 39 लोगों की काउंसिलिंग की गई और उन्हें मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल की ओपीडी में बुलाया गया है। इसमें शैलेष कुमार, संजय तिवारी, जयशंकर आदि रहे। कॉल्विन अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. राकेश पासवान ने बताया कि दुआ से दवा तक कार्यक्रम का शुभारंभ हो गया है। मजार पर आने वाले लोगों को इलाज के लिए प्रेरित किया जा रहा है।


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