कुंभ में पहली बार लगेगी सूबे के 75 जिलों के उत्पादों की प्रदर्शनी
अगले वर्ष लगने वाले कुंभ मेला में उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसमें 100 स्टॉल लगाने का प्रस्ताव है। अहम जिलों को दो स्टॉल और बाकी को एक स्टॉल उपलब्ध कराए जाएंगे।
By Edited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 08:12 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 08:13 PM (IST)
प्रयागराज: कुंभ -2019 मेले में इस बार सभी जिलों के उत्पादों का 'संगम' भी देखने को मिलेगा। प्रदेश के सभी 75 जिलों के उत्पादों की दो महीने बिक्री होगी। इसके लिए भव्य प्रदर्शनी लगाने की तैयारी है। शासन ने एक जिला, एक उत्पाद योजना (ओडीओपी) के तहत कुंभ मेले में भव्य प्रदर्शनी लगाने का निर्णय लिया है।
इसके लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से 4500 वर्ग मीटर जमीन मेला प्रशासन से मांगी गई है। भूमि आवंटन के बाद प्रदर्शनी का लेआउट तैयार कराकर स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। प्रदर्शनी में 100 स्टॉल लगाने का प्रस्ताव है। अहम जिलों को दो स्टॉल और बाकी को एक स्टॉल उपलब्ध कराए जाएंगे।
15-15 दिन के होंगे चार रोस्टर :
मेला लगभग दो महीने चलेगा। इसलिए 15-15 दिन के चार रोस्टर प्रस्तावित किए गए हैं। प्रत्येक रोस्टर में सभी जिलों के अलग-अलग हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को अपने उत्पाद लगाने का अवसर दिया जाएगा। कुछ महत्वपूर्ण जिलों के उत्पादों का सजीव प्रसारण भी कराने की योजना है। उद्यमियों और हस्त शिल्पियों के लिए मेले की डारमेट्री में रहने की व्यवस्था होगी।
किस जिले का कौन सा उत्पाद चयनित :
इलाहाबाद, अमेठी और सुल्तानपुर-मूंज क्राफ्ट, प्रतापगढ़-आंवला, कौशांबी-केला, फतेहपुर-बेड शीट, चित्रकूट-लकड़ी का खिलौना, रायबरेली-वुडक्राफ्ट, वाराणसी-बनारसी साड़ी, मिर्जापुर-कारपेट सोनभद्र-कालीन, कारपेट, बांदा-सागर स्टोन, जौनपुर और सीतापुर-दरी कारपेट, गोरखपुर-टेराकोटा आदि।
संयुक्त आयुक्त उद्योग (इलाहाबाद मंडल) सुधांशु तिवारी को शासन ने नोडल अधिकारी बनाया है। विभाग की ओर से इस तरह की प्रदर्शनी पहली बार लगाई जाएगी। मुख्यमंत्री की मंशा है कि सभी जिले के उत्पादों का प्रसार देश के कोने-कोने में हो।
-एके चौरसिया, उपायुक्त उद्योग
इसके लिए जिला उद्योग केंद्र की ओर से 4500 वर्ग मीटर जमीन मेला प्रशासन से मांगी गई है। भूमि आवंटन के बाद प्रदर्शनी का लेआउट तैयार कराकर स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा। प्रदर्शनी में 100 स्टॉल लगाने का प्रस्ताव है। अहम जिलों को दो स्टॉल और बाकी को एक स्टॉल उपलब्ध कराए जाएंगे।
15-15 दिन के होंगे चार रोस्टर :
मेला लगभग दो महीने चलेगा। इसलिए 15-15 दिन के चार रोस्टर प्रस्तावित किए गए हैं। प्रत्येक रोस्टर में सभी जिलों के अलग-अलग हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को अपने उत्पाद लगाने का अवसर दिया जाएगा। कुछ महत्वपूर्ण जिलों के उत्पादों का सजीव प्रसारण भी कराने की योजना है। उद्यमियों और हस्त शिल्पियों के लिए मेले की डारमेट्री में रहने की व्यवस्था होगी।
किस जिले का कौन सा उत्पाद चयनित :
इलाहाबाद, अमेठी और सुल्तानपुर-मूंज क्राफ्ट, प्रतापगढ़-आंवला, कौशांबी-केला, फतेहपुर-बेड शीट, चित्रकूट-लकड़ी का खिलौना, रायबरेली-वुडक्राफ्ट, वाराणसी-बनारसी साड़ी, मिर्जापुर-कारपेट सोनभद्र-कालीन, कारपेट, बांदा-सागर स्टोन, जौनपुर और सीतापुर-दरी कारपेट, गोरखपुर-टेराकोटा आदि।
संयुक्त आयुक्त उद्योग (इलाहाबाद मंडल) सुधांशु तिवारी को शासन ने नोडल अधिकारी बनाया है। विभाग की ओर से इस तरह की प्रदर्शनी पहली बार लगाई जाएगी। मुख्यमंत्री की मंशा है कि सभी जिले के उत्पादों का प्रसार देश के कोने-कोने में हो।
-एके चौरसिया, उपायुक्त उद्योग
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