Deepawali : बस्तियों में पटाखे के गोदाम, जोखिम में जान पर पुलिस बनी अनजान Prayagraj News
दीप पर्व दीपावली निकट है। ऐसे में छोटे और बड़े कारोबारियों ने पटाखों का भंडारण तेज कर दिया है। घनी बस्तियों के बीच भंडारण किया जा रहा है। इससे लोगों की जान पर खतरा है।
प्रयागराज, जेएनएन। बस्तियों में पटाखे के गोदाम हैं और लोगों की जोखिम में जान है। फिर भी पुलिस और प्रशासन बना है अनजान। जी हां, चंद दिनों बाद दीपावली का त्योहार है। ऐसे में तमाम कारोबारियों ने पटाखों का भंडारण तेज कर दिया है। यूं तो घनी आबादी और बस्ती से बाहर ही पटाखों को रखने का नियम है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। कुछ कारोबारी जहां किराया बचाने और सहूलियत के हिसाब से बस्तियों में भी गोदाम बनाकर पटाखे रख रहे हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
लाइसेंस की आड़ में पटाखा का अवैध कारोबार किया जा रहा है
अवैध रूप से पटाखा बेचने वाले ही नियम का पालन नहीं करते हैं। नाम न प्रकाशित करने के अनुरोध पर एक कारोबारी ने बताया कि पटाखे में मुनाफा 50 फीसद से ज्यादा होता है। दीपावली पर ही पटाखों से अच्छी कमाई होती है। ऐसे में कतिपय लोग बाहर से थोक पटाखा मंगवाकर उसे बस्तियों के बीच में रखते हैं। इस काम में कुछ बड़े कारोबारी भी शामिल होते हैं, जो लाइसेंस की आड़ में पटाखा का अवैध कारोबार करते हैं। दीपावली पर फैंसी और तेज आवाज वाले पटाखे दिल्ली, चेन्नई समेत दूसरे बड़े शहरों से मंगाए जा रहे हैं। वहीं, कुछ पुलिस कर्मियों का कहना है शहर में चौक, कोतवाली, खुल्दाबाद, मुट्ठीगंज, जार्जटाउन, कर्नलगंज, धूमनगंज समेत कई अन्य इलाकों में अवैध रूप से पटाखों का भंडारण किया जा रहा है। जबकि नियम यह है कि शहर से दूर ही बड़ी मात्रा में पटाखा रखा जाना चाहिए।
यहां चोरी-छिपे बन रहे पटाखे
मऊआइमा, फूलपुर, सिरसा, जंघई, हंडिया, शंकरगढ़, मांडा, कोरांव, नैनी समेत कई इलाकों में चोरी-छिपे पटाखे बनाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में तेज आवाज वाले पटाखे ज्यादा बनाए जा रहे हैं। जबकि शहर के अतरसुइया, करेली, कैंट इलाके में कुछ लोग पटाखा बना रहे हैं, जिसे दीपावली से पहले वह कारोबारियों को बेचेंगे। हैरान करने वाली बात यह है अवैध तरीके से पटाखा बनाने और बेचने वालों की जानकारी जुटाकर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की है, लेकिन उनकी नजर में सब ठीक है।
कोरांव, मऊआइमा में हो चुकी है घटना
कुछ दिन पहले कोरांव कस्बे में पटाखा बनाने के लिए अवैध रूप से विस्फोटक पदार्थ फटने से मकान की दीवार गिर गई थी। इस हादसे में हिना नामक महिला की मौत हो गई थी। इस घटना में पुलिस ने हिना के ससुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसी तरह मऊआइमा में भी कई साल पहले अवैध पटाखा फैक्ट्री में जोरदार धमका हुआ था, जिससे 11 लोगों की मौत हो गई थी। वहां घटना के बाद सभी के लाइसेंस निरस्त कर पटाखा बनाने पर रोक लगा दी गई थी, लेकिन कुछ लोग अभी भी चोरी-छिपे यह काम कर रहे हैं।
करोड़ों रुपये का होता है कारोबार
जिले में हर दीपावली पर करोड़ों रुपये का पटाखा कारोबार होता है। इसमें डेढ़ से दो करोड़ रुपये का कारोबार अवैध पटाखा बेचने व बनाने वाले लोग भी करते हैं। बिना लाइसेंस के पटाखों की खरीद और भंडारण के बाद बिक्री करने वाले शख्स पहले से ही तैयारी कर चुके थे। ताकि दीपावली आने जब पुलिस की सख्ती हो तो उनके कारोबार पर असर न पड़े।
11 लोगों को लाइसेंस की संस्तुति
यूं तो दीपावली पर करीब पांच सौ से ज्यादा लोगों को पटाखा बेचने का अस्थाई लाइसेंस दिया जाता है, लेकिन अब तक केवल 11 लोगों को लाइसेंस देने की संस्तुति अग्निशमन विभाग की ओर से की गई है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी रविंद्र शंकर मिश्रा ने बताया कि एंग्लो बंगाली इंटर कॉलेज पटाखा दुकान लगाने के लिए 11 लोगों को संस्तुति की गई है। दुकान के लिए स्थान चिंहित करने का काम एसडीएम कर रहे हैं। जगह तय होने के बाद बाकी लोगों को भी संस्तुति दी जाएगी, जिसके बाद प्रशासन लाइसेंस जारी करेगा।
बोले एसएसपी
एसएसपी सिद्धार्थ अनिरुद्ध पंकज कहते हैं कि पटाखों का अवैध कारोबार करने वालों पर नजर रखी जा रही है। संबंधित सीओ व थानेदारों को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।