इलाहाबाद विश्वविद्यालय कार्य परिषद की बैठक में मानद उपाधि पर लगी अंतिम मुहर Prayagraj News
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अटकलों पर विराम लगाते हुए कार्यपरिषद की बैठक में मानद उपाधि पर अंतिम मुहर लगा दी गई है। दीक्षा समारोह में उपाधि पूर्व राज्यपाल व डीजीपी को मिलेगी।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पांच सितंबर को होने वाले दीक्षा समारोह में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी और डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि दिए जाने पर कार्य परिषद की बैठक में बुधवार को अंतिम मुहर लग गई है।
पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ व डीजीपी को मानद उपाधि दी जाएगी
दीक्षा समारोह में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ और डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि दिए जाने का प्रस्ताव पिछले दिनों हुई एकेडमिक काउंसिल की बैठक में सर्वसम्मति से पास हो गया था। अब इस पर बुधवार को कार्य परिषद की बैठक में अंतिम मुहर लगाई गई।
दीक्षा समारोह में उपद्रव की आशंका, इविवि प्रशासन ने लिखा पत्र
इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दीक्षा समारोह में उपद्रव की आशंका के चलते डीएम और एसएसपी को पत्र लिखा है। पत्र में चीफ प्रॉक्टर प्रो. राम सेवक दुबे ने कहा है कि दीक्षा समारोह में पांच सितंबर को नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी पहुंच रहे हैं। इसमें इविवि के करीब 300 छात्रों को उपाधि व पदक प्रदान किए जाएंगे। इस कार्यक्रम में दो मानद उपाधि भी दी जाएंगी। करीब 15 वर्ष बाद आयोजित होने वाले इस समारोह में उपद्रव की आशंका है।
इन अराजकतत्वों को चिह्नित किया जाए
पूर्व छात्रनेता व इविवि के एक 70 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षक पर उन्होंने आशंका जताई है। कहा कि वर्ष 1996 में इविवि में हुए दीक्षा समारोह की प्रशंसा करने वाले यही शिक्षक उपद्रव कराने में लगे थे और तत्कालीन राज्यपाल को कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने दिया था। प्रो. दुबे का कहना है कि समारोह में बाधा पहुंचाने वाले इन अराजकतत्वों को चिह्नित किया जाए और उनका फोन सर्विलांस पर लगाकर गोपनीय ढंग से निगरानी की जाए। साथ ही परिसर में फोर्स भी तैनात हो।
पांच सितंबर तक परिसर में धरना-प्रदर्शन पर रोक
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलानुशासक मंडल की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पांच सितंबर को होने वाले दीक्षा समारोह के मद्देनजर परिसर में किसी भी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, पोस्टरबाजी व अनशन तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाता है। इसका उल्लंघन करना विवि परिनियमों के अनुसार दंडनीय है।