भर रहे धरती की गागर, ताने हरियाली की चादर
पट्टी टीम : धरती का सीना चीरकर पानी निकालने के संसाधन तो खूब बढ़े, पर पानी से खाली हो रही धरती की गा
पट्टी टीम : धरती का सीना चीरकर पानी निकालने के संसाधन तो खूब बढ़े, पर पानी से खाली हो रही धरती की गागर को भरने के लिए कोई खास इंतजाम नहीं हुए। इसके कारण जलस्तर तेजी से खिसक रहा है। ऐसे में पानी से लबालब तालाब नजर आएं तो आंखों को सुकून व दिल को राहत मिलती है।
आसपुर देवसरा क्षेत्र के रामगंज बाजार में प्रवेश करते ही राम जानकी तालाब की झलक दिखाई देती है। इसमें नहर के जरिए वर्ष भर लबालब पानी से भरा रहता हैं। इस तालाब को रानी अजीत कुंवर ने बनवाया था। इस तालाब की संरचना 184 वर्ष पूर्व इस प्रकार की गई थी कि वर्षा जल इसमें समाहित हो जाए।रामगंज की महिलाएं इसका उपयोग स्नानागार के रूप में करती थी। राम जानकी पौराणिक मंदिर में से लेकर तालाब तक एक सुरंग बनाई गई थी। सुरंग के जरिए मंदिर में पूजा अर्चना करने वाली महिलाएं तालाब तक पहुंची थी। इस के भीतर उतरने के लिए सीढि़यां भी बनाई गई थी। यह तालाब कुंवर कौशलेंद्र प्रताप ¨सह की देखरेख में वर्ष भर पानी से भरा रहता है।
मंगरौरा ब्लाक बोझवा गांव के तालाब ने गर्मी के तेवर को मात दे रखी है। इससे धरती की कोख नहीं सूखने पाती, साथ ही यहां की हरियाली भी प्रकृति से प्रेम रखकर हरी भरी दिखती है। विकास खंड मंगरौरा के ग्राम पंचायत लाखीपुर के बोझवा गांव में स्थित तालाब के बारे में तत्कालीन ग्राम प्रधान रमेश यादव व ग्राम पंचायत अधिकारी कमला शंकर बताते हैं कि तालाब में पानी आने के पांच रास्ते बने हैं। जिससे गांव के हर आंगन का पानी बड़े नाले से होकर तालाब में गिरता है। इस तालाब में एक आउट फ्लो भी बना है। पानी ओवर होने पर गांव के रास्ते नदी में चला जाता है। तालाब के चारों ओर आम, जामुन, नीम तथा अशोक के पेड़ सुखद लगते हैं। ग्रामीणों के लिए तालाब के किनारे चार मीटर का वाक वे बना है। लोगों को बैठने के लिए पक्के चबूतरे का भी निर्माण हुआ है।
मंगरौरा ब्लाक के बरा सराय ग्राम पंचायत के ककोरिया ताल मे स्थित कलियना ताल दो बीघे में स्थित है। यह तालाब वर्मा बिरादरी के नाम से जाना जाता है। पूर्वजों के समय से चला आ रहा यह तालाब चिलबिला रजबहा की वजह से साल के बारह माह में हमेशा पानी से लबालब भरा रहता है। इसमें ग्राम सभा के लोग त्यौहार तथा छोटे-छोटे बच्चे व अन्य लोग गर्मी में जानवर छोड़कर चलवाने के लिए ले जाते हैं। बच्चे जानवरों को छोड़कर उसी में आपस में सब एकजुट होकर नहाते और मस्ती करने के साथ तैरना सीखते हैं। शिवम, आशीष, ¨रकू, गो¨वद, अजय, निखिल सहित अन्यं का कहना है कि यहां बड़ा मजा आता है। ह जल संरक्षण के साथ पशु पक्षियों के पीने के पानी के लिए बाबा बेलखर नाथ धाम के विवियाकरनपुर गांव निवासी रामबोध तिवारी अपने घर से थोड़ी दूर पर एक गड्ढ़े में ही सबर्मिसबल से रोज सुबह पानी भरकर पशु-पक्षियों का प्यास बुझाने के लिए नित्य यह कार्य करते हैं, उनके हिसाब से इससे इसी बहाने दोनों काम होते हैं। गिरते जल स्तर को निय¨त्रत करने के साथ पशु पक्षियों को इस गर्मी में पीने को पानी मिल जाता है।
छोटी पहल है काम की
आसपुर देवसरा के सेतापुर गांव में डेढ़ वीघा में फैले तालाब में गांव के निवासी राम बरन द्वारा दस वर्ष से लगातार पानी भरा जा रहा है। पहले यह तालाब ग्राम सभा की थी जिसे राम बरन के नाम पट्टा दिया गया है। इनका कहना है कि यह पशु पक्षियों के लिए भर जाता है। यहां भीषण गर्मी में अनगिनत पशु पक्षी अपनी प्यास बुझाते हैं।
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इनमें भी पानी की मेहरबानी
-पट्टी नगर के वार्ड सात घोसियान में स्थित तालाब में पानी रहने से बस्ती के लोगों के साथ पशु पक्षियों के लिए काफी लाभदायक रहात है।
-वार्ड नंबर दो में स्थित लाला को तालाब भी हमेशा पानी से लबालब भरा रहता है।
-नगर के वार्ड न. आठ में स्थित नौवातारा का तालाब हमेशा भरा रहता है।
-पूरे देवजानी में स्थित इस्लामिया तालाब भी अमानत अली के प्रयास से हमेशा भरा रहता है।
-आसपुर देवसरा के रामजानकी मंदिर के सामने स्थित तालाब लबालब भरा है।
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देखें दाऊदपुर झील
तहसील क्षेत्र के दाऊदपुर की झील में पानी भरा है। धार्मिक ²ष्टि से महत्वपूर्ण कुंडा धाम के समीप इस स्थित इस झील में हमेशा पशु पक्षियों का ठिकाना बना रहता है। यहां पानी का प्रयाप्त भंडार रहने से लोग पानी को ¨सचाई के कामों में भी लेते हैं।