साइबर ठगी का ऐसा डर कि आधार कार्ड देने से कतरा रहे शहरी, वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने का काम प्रभावित
तमाम कोशिश के बावजूद इंटरनेट के जरिए ठगी की घटनाएं थम नहीं रही हैं। ऐसे में लोग घबराए रहते हैं कि कहीं वह ठगों के जाल में फंसकर जमा-पूंजी नहीं गंवा दें। इसका असर निकाय चुनाव के लिए तैयार की जाने वाली वोटर लिस्ट पर भी दिखाई दे रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। साइबर ठगी का रोज ही तमाम लोग शिकार हो रहे हैं। साइबर सेल और साइबर पुलिस स्टेशन स्थापित होने के बाद भी इंटरनेट के जरिए ठगी की घटनाएं थम नहीं रही हैं। ऐसे में लोग घबराए रहते हैं कि कहीं वह ठगों के जाल में फंसकर जमा-पूंजी नहीं गंवा दें। इसका असर निकाय चुनाव के लिए तैयार की जाने वाली वोटर लिस्ट पर भी दिखाई दे रहा है। मतदाता सूची में नाम बढ़ाए के लिए आधार नंबर अनिवार्य है, लेकिन ज्यादातर लोग बीएलओ और क्षेत्रीय पार्षदों को आधार कार्ड की फोटो कापी देने से कतरा रहे हैं।
वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए मांगा जा रहा आधार कार्ड
शासन की ओर से निकाय चुनाव के लिए 100 वार्डों का परिसीमन जारी कर दिया गया है। वार्डों में आरक्षण लागू करने के लिए रैपिड सर्वे की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद वार्डों में आरक्षण निर्धारित कर दिया जाएगा। वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए बीएलओ और नगर निगम के कर्मचारियों के साथ पार्षद भी लोगों से मिलकर आधार मांग रहे हैं। लेकिन ज्यादातर लोग साइबर ठगी का हवाला देने से आधार कार्ड की फोटो कापी देने से कतरा रहे हैं। शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह समस्या दिख रही है। नगर निगम के एक अभियंता ने बताया कि लोग आधार कार्ड देने में हीला हवाली बता रहे हैं। ऐसे में जो लोग आधार नहीं देंगे उनका नाम जुड़ना कठिन हो जाएगा।
चीफ इंजीनियर ने यह बताया
मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। ज्यादातर लोग आधार कार्ड देने से कतरा रहे हैं। बिना आधार नंबर के वोटर लिस्ट में नाम नहीं जुड़ेगा।
सतीश कुमार, चीफ इंजीनियर, नगर निगम