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छात्र की मौत के साथ ही उस पर लगा लूट का आरोप भी खत्म हो गया, जानें- प्रयागराज का यह मामला

श्रेष्ठ जब अपने घर लौटा तो पिता ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया और फिर पुलिस को खबर देने के लिए थाने पहुंच गए। इसी बीच श्रेष्ठ ने आत्‍महत्‍या कर ली। पिता जब पुलिस के साथ घर पहुंचकर कमरा खोला तो बेटे की हालत देख दंग रह गए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 01:54 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 01:54 PM (IST)
छात्र की मौत के साथ ही उस पर लगा लूट का आरोप भी खत्म हो गया, जानें- प्रयागराज का यह मामला
पिता ने पुलिस पर बेटे को अनावश्यक परेशान करने का आरोप लगाया। इसी डरवश उसने खुदकशी कर ली।

प्रयागराज, जेएनएन। ...वह एमएससी का छात्र था। पढऩे में भी तेज था। परिवार वाले उसका भविष्य संवारना चाहते थे, मगर न जाने ऐसा क्या हुआ किया कि सब कुछ अचानक बदल गया। नैनी निवासी छात्र श्रेष्ठ श्रीवास्तव का नाम मोबाइल और पैसा लूटने में आया तो पुलिस उसके घर पहुंचने लगी। पूछताछ के लिए घर पर नहीं मिला तो परिवार वालों को थाने भेजने के लिए कहा। हालांकि श्रेष्ठ घर तो लौटा और पुलिस भी आई, मगर तब तक उसकी इहलीला समाप्त हो चुकी थी। श्रेष्ठ ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसकी मौत के साथ ही लूट का आरोप भी एक तरह से खत्म हो गया है।

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निजी कॉलेज में एसएससी का छात्र था श्रेष्‍ठ 

नैनी थाना क्षेत्र के पीडीए कालोनी निवासी संतोष कुमार श्रीवास्तव का बड़ा बेटा श्रेष्ठ श्रीवास्तव एक निजी कॉलेज से एमएससी कर रहा था। घरवालों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से उनके घर पर पुलिस वाले आ रहे थे। पुलिस का आरोप था कि श्रेष्ठ का नाम मोबाइल लूटने में आया है और उससे पूछताछ करनी है। पुलिस जब घर पर दबिश देती तो छात्र नहीं मिलता।

श्रेष्‍ठ को कमरे में बंद कर थाने गए थे पिता, लौटे तो मिला शव

बुधवार को श्रेष्ठ जब अपने घर लौटा तो पिता ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया और फिर पुलिस को खबर देने के लिए थाने पहुंच गए। इसी बीच श्रेष्ठ ने रस्सी का फंदा बनाकर पंखे के चुल्ले से लटक गया। कुछ देर बाद पिता ने जब पुलिस के साथ घर पहुंचकर कमरा खोला तो बेटे की हालत देख दंग रह गए। आनन-फानन उसे फंदे से उतारकर स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

पिता ने पुलिस पर अनावश्‍यक परेशान करने का आरोप लगाया

पिता संतोष का आरोप है कि पुलिस उनके बेटे को अनावश्यक परेशान कर रही थी, डरवश उसने खुदकशी कर ली। वहीं, इंस्पेक्टर नैनी जितेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि मोबाइल और रुपये लूटने की घटना हुई थी, जिसके संबंध में थाने पर श्रेष्ठ के खिलाफ नामजद शिकायत मिली थी। पूछताछ के लिए पुलिस उसके घर गई थी, लेकिन मुलाकात नहीं हुई। स्वजनों के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।


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