Chhath Puja : गंगा-यमुना घाटों पर उमड़ी आस्था, व्रती महिलाओं ने उदयाचल सूर्य को अर्घ्य दिया Prayagraj News
छठ पूजन महोत्सव के अंतिम दिन व्रती महिलाओं ने रविवार की सुबह उगते को अर्घ्य देकर पूजन-अर्चन किया। ऐसा लग रहा था कि गंगा और यमुना के घाटों पर मानो आस्था उमड़ पड़ी हो।
प्रयागराज, जेएनएन। चार दिवसीय डाला छठ महापर्व का आज यानी रविवार की सुबह समापन हुआ। गंगा और यमुना के जल में खड़ी होकर व्रती महिलाओं ने उदयाचल सूर्य को अर्घ्य दिया। विधिवत पूजन-अर्चन कर समृद्ध और खुशहाली की कामना भी की गई। इस दौरान संगम समेत गंगा और यमुना नदी घाटों पर मेले जैसा दृश्य रहा।
'जय हो सुरुज बाबा की...दोहाई दीना नाथ'
मन में परिवार की सुख समृद्धि की कामना, संतान के दीर्घायु होने की प्रार्थना, निर्जला व्रत के बाद भी हर चेहरों पर मुस्कान और कदम गंगा मइया की ओर। श्रद्धा और आस्था की डोर थामे व्रती महिलाओं व पुरुषों का रेला रविवार की सुबह कुछ इसी तरह से संगम व यमुना नदी के घाटों पर उमड़ा। छठ महापर्व के तीसरे दिन कुछ इसी भक्ति भाव से लोगों ने स्नान किया फिर कमर तक जल में खड़े रहकर उदयाचल सूर्यदेव की उपासना की। घाटों पर जब एक स्वर में, जय हो सुरुज बाबा की...दोहाई दीना नाथ, आपन अघ्र्य स्वीकार करीं अउर मनसा पुराईं हमार...। गीत गाये गए तो संध्याकाल की छटा ही निखर उठी।
गंगा-यमुना के घाटों पर उमड़ी आस्था, दीपों से झिलमिला उठीं नदियां
कांचहि बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय..., प्रयागराज की पक्की सड़किया उपे नरियारे बिकाये आदि गीतों से संगम नोज, गंगा नदी के अन्य घाट व यमुना नदी के बलुआघाट गुलजार रहे। व्रती लोगों ने स्नान कर पवित्र जल में विधि विधान से पूजा की। नारियल फल व फूल अर्पित किया। दोपहर बाद से ही जलते दीपों को हाथ में लेकर भक्तों का रेला पानी में उतर पड़ा। सूर्य देव ने अस्ताचल की ओर जैसे ही प्रस्थान किया तो उन्हें अघ्र्य देकर पवित्र जल में दीप दान किये जाने लगे। इससे नदियां भी टिमटिमाते दीपों से झिलमिला उठीं। संगम पर भीड़ इतनी अधिक हो गई कि तिल रखने की भी जगह नहीं बची। पुलिस और प्रशासनिक विभाग के कर्मचारी, जल पुलिस की टीम और छठ पूजा समितियों के कार्यकर्ता लगातार व्यवस्था बनाए रखने और व्रती लोगों को स्नान पूजन में सुविधा देने का कार्य करते रहे। शहर के बालसन चौराहा, सुभाष चौराहा, अल्लापुर, दारागंज के अलावा संगम पर रविवार को प्रसाद बंटेगा।
गंगा जल से बनाई वेदी
व्रती महिलाओं ने घाट किनारे गन्ने का घेरा बनाकर उसके बीच वाले स्थान को गंगा जल से शुद्ध कर वेदी बनाई। कलश में गंगाजल भरा। उस पर दीप जलाए। सूर्य के अस्त होते समय महिलाओं ने सूप व डलिया को गंगा जी से स्पर्श कराया। एक दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सुहाग, संतान की दीर्घायु की कामना की।
व्रत कर विधायक नीलम ने की छठ मैया से न्याय की कामना
मेजा से भाजपा विधायक नीलम करवरिया ने शनिवार की शाम और रविवार की सुबह यमुना किनारे शहर के बलुआ घाट पर छठ मैया की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की। उन्होंने अपने पति व पूर्व विधायक इंजीनियर उदयभान करवरिया के साथ न्याय किए जाने की छठ मैया से कामना की। उनके साथ उनकी जेठानी एवं कपिलमुनि की पत्नी कल्पना करवरिया व देवर सूरजभान की पत्नी नम्रता करवरिया ने भी छठ मैया की विधिवत आराधना की। कल्पना और नम्रता ने भी अपने पति की जल्द रिहाई की कामना की। नीलम, कल्पना व नम्रता ने छठ का व्रत रखा। ये सभी परिवार के अन्य सदस्यों व बच्चों के साथ बलुआ घाट पहुंचीं और पूजा-अर्चना की। विधायक नीलम ने बताया कि वह कई वर्षों से छठ पर्व मनाती हैैं।
अरैल में पूजा के लिए बनाए गए थे तीन घाट
छठ पर शनिवार की शाम और रविवार की सुबह बड़ी संख्या में व्रती महिलाओं ने भगवान भास्कर को अघ्र्य दिया। इस मौके पर पूर्वांचल महासमिति की ओर से घाट पर प्रकाश और ध्वनि की विशेष व्यवस्था की गयी थी। अरैल में इस बार पूजा के लिए तीन घाट बनाए गए थे। घाट पर ही पटाखे बजाकर खुशी का इजहार किया गया। कई भक्त समूह में भांगड़ा बैैंड के साथ पहुंचे थे, जो घाट तक नृत्य करते हुए पहुंचे। घाट पर महिलाओं ने जमकर नृत्य किया।