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आधुनिक मशीनों से होगी खेती और बदल जाएगी प्रतापगढ़ के किसानों की तकदीर, कृषि विभाग से दिए जाएंगे यंत्र

खेती में पहले परंपरागत कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जाता रहा है। जब से उत्पादन बढ़ाने को लेकर जोर दिया गया तब से किसान परंपरागत यंत्रों को छोड़ आधुनिक कृषि यंत्रों को अपनाने लगे हैं। आधुनिक यंत्रों की सहायता से खेती का काम काफी आसान हो गया है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 02:05 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 02:05 PM (IST)
आधुनिक मशीनों से होगी खेती और बदल जाएगी प्रतापगढ़ के किसानों की तकदीर, कृषि विभाग से दिए जाएंगे यंत्र
179 किसानों को कृषि यंत्र देने का मिला है लक्ष्य, विभाग के पोर्टल पर करनी होगी बुकिंग

प्रतापगढ़, जागरण संवाददाता। पुराने तौर तरीकों और उपकरणों के अभाव की वजह से आज भी हजारों किसान अपनी मेहनत के बराबर उपज नहीं हासिल कर पा रहे हैं। कृषि विभाग ऐसे किसानों को आधुनिक उपकरण मुहैया कराने जा रहा है। इसके बाद अत्याधुनिक मशीनों से खेती की जाएगी। इससे किसानों की तकदीर बदल सकेगी। कृषि विभाग इस साल 179 किसानों को अत्याधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराएगा। इसमें 50 प्रतिशत अनुदान विभाग किसानों को उपलब्ध कराता है।

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आधुनिक उपकरणों से आसान होती है खेती

खेती में पहले परंपरागत कृषि यंत्रों का प्रयोग किया जाता रहा है। जब से उत्पादन बढ़ाने को लेकर जोर दिया गया तब से किसान परंपरागत यंत्रों को छोड़ आधुनिक कृषि यंत्रों को अपनाने लगे हैं। आधुनिक यंत्रों की सहायता से खेती का काम काफी आसान हो गया है। इन यंत्रों के प्रयोग से न केवल समय की बचत होती है, अपितु लागत में भी कमी आती है। जहां पहले खेती के लिए कई मजदूरों की आवश्यकता होती थी, वहीं आज एक मशीन की सहायता से कई कार्य एक बार में ही निपटाए जा सकते हैं। कई कृषि यंत्र ऐसे हैं जो खेती के काम में काफी सहायता करते हैं। इससे कम लागत पर खेती करना आसान हो जाता है और मुनाफा भी अच्छा होने की उम्मीद रहती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को स्वयं कृषि विभाग के पोर्टल पर जाकर बुकिंग करनी होती है। पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर कंप्यूटर द्वारा उनका चयन किया जाता है। इसके बाद किसान अपने अनुसार कहीं से भी यंत्र खरीद करके बिल पोर्टल पर अपलोड करेंगे। उसके बाद कृषि विभाग द्वारा उसका सत्यापन कराया जाएगा । सत्यापन में सही पाए जाने पर अनुदान की धनराशि कृषि विभाग द्वारा उनके खाते में भेजी जाती है।

तवेदार हल का किया जाता है उपयोग

मिट्टी की उत्पादकता बढ़ाने और उलट पलट करने के लिए तवेदार हल का उपयोग किया जाता है। ट्रैक्टर से चलने वाले इस यंत्र का उपयोग गर्मी के दौरान गहरी जुताई और ढैंचा या सनई की हरी खाद वाली फसल को मिट्टी में मिलाने के काम में लिया जाता है।

- फसल को काटकर मिट्टी में दबाने के लिए उपयोगी

ट्रैक्टर से चलने वाला मोल्ड बोर्ड

फसल बुआई से पहले मिट्टी को उलट पुलट करने के लिए यह मोल्ड बोर्ड काफी उपयोगी है। इसमें शेयर पांइट, शेयर, मोल्ड बोर्ड, लैंड स्लाइड्स, फ्रॉग, शेंक, फ्रेम और थ्री पॉइंट हीच सिस्टम होते हैं। इससे मिट्टी की सख्त सतह को तोड़ा जा सकता है और फसल के अवशेषों और हरी फसल को काटकर मिट्टी में दबाने के लिए उपयोगी है।

- आसानी से लिया जा सकता है काम

पावर ट्रिलर यंत्र बैलचालित हल का अच्छा विकल्प है। इससे खेत की जोताई कार्य से लेकर बोआई, कटाई व फसल ढुलाई तक का कार्य लिया जा सकता है। इसमें एक श्रृंखला और स्पोर्केट प्रकार के रोटरी संचरण, एक रोटरी शाफ्ट, कवर और रक्षा ढाल होते हैं। इसके साथ बीज बुआई यंत्र, दवा छिड़काव यंत्र, पंपसेट आदि आसानी से जोड़कर काम में लिया जा सकता है।

फर्टिलाइजर ब्रॉडकास्टर

फसलों में आसानी से उर्वरक डालने के लिए यह यंत्र तैयार किया गया है। हाथों से उर्वरक डालने से समय और श्रम दोनों लगते हैं, जबकि फर्टिलाइजर ब्रॉडकास्टर से कम समय में क्षेत्र के 12 से 14 मीटर के चौड़ाई वाले स्थान में उर्वरक डाला जा सकता है। इसको बीज के छिड़काव के लिए भी काम में लिया जा सकता है।

रोटावेटर

खेत की मिट्टी को भुरभुरी बनाने और खेत में लगे अवशेषों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर जमीन में दबाने के लिए रोटावेटर उपयुक्त यंत्र है। यह मिट्टी को भी मुलायम करने में सक्षम है। इसमें लोहे का फ्रेम, थ्री पॉइंट हीच सिस्टम, एक रोटरी शॉफ्ट जिस पर ब्लेड लगे होते हैं।

- फसलों को पंक्तियों में बोना जरूरी

बीज बोने के लिए भूमि तैयार करने, मिट्टी में दबे ढेलों को तोडऩे के काम में आता है। इसके नुकीले खुरपों से निराई गुड़ाई भी की जा सकती है। इसके लिए फसलों को पंक्तियों में बोना जरूरी है। डकफुट कल्टीवेटर खरपतवार नष्ट कर मिट्टी में नमी की अवधारणा को तय करता है।

- 20 प्रतिशत बीज की होती है बचत

धान ड्रम सीडर यंत्र की मदद से धान के खेत में पहले से जमा बीजों को लेवा बनाकर खेत में बोया जाता है। इससे कम से कम 20 प्रतिशत बीज की बचत होती है। इस तरह फसल की बोवाई अच्छी तरह हो जाती है, जो कि फसल की पैदावार और गुणवत्ता को बढ़ाता है।

उप निदेशक का है कहना

कृषि विभाग द्वारा कृषि संयंत्रों पर 50 फीसद अनुदान दिया जाता है। इसके लिए किसानों को विभाग के पोर्टल पर बुकिंग करनी होती है। अभी तक 103 किसानों ने बुकिंग कराई है।

- डा. रघुराज सिंह, उप निदेशक कृषि


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