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कौशांबी में सब्जी की खेती व बागवानी को बढ़ावा मिले तो किसानों की हो तरक्की

कृषि उपनिदेशक डॉ. उदयभान गौतम ने बताया कि कछारी क्षेत्र में बागवानी व औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि कर्मचारी व कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए उद्यान विभाग से अनुदान की व्यवस्था की गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 09:35 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 09:35 PM (IST)
कौशांबी में सब्जी की खेती व बागवानी को बढ़ावा मिले तो किसानों की हो तरक्की
कौशांबी जिले में बागवानी व सब्जियों की खेती में बढ़ावा दे तो किसानों की आय बढ़ सकती है।

कौशांबी, जेएनएन। जिले के विकास खंड मूरतगंज की दो तिहाई भूमि यमुना नदी के कछारी क्षेत्र में है। ङ्क्षसचाई के अभाव में यहां के किसान गेहूं, चावल और धान की खेती नहीं कर पाते हैं। कुछ किसान लौकी, करेला व तरबूज की खेती करते हैं। यदि जिला प्रशासन व कृषि विभाग इन क्षेत्रों में बागवानी व सब्जियों की खेती में बढ़ावा दे तो किसानों की आय बढ़ सकती है।

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सब्‍जी की खेती की तरफ है किसानों का रुझान

कृषि विभाग के अनुसार विकास खंड मूरतगंज क्षेत्र में किसानों की संख्या 32,350 है। इनमें 28,217 पंजीकृत कृषक हैं। उमरछा के किसान मोहनलाल, छोटे लाल, दिनेश कुमार व पलहना गांव के रमेश, चोखेलाल, पट्टीनरवर के भंवर सिंह, बनवारी लाल ने बताया कि कछारी क्षेत्र धान और गेहूं की फसल में मिश्रित खेती नहीं हो पाती है। कुछ किसान तरबूज की खेती करते हैं, लेकिन उसमें मेहनत अधिक है। रोग लगने की वजह से कभी-कभी खेती में नुकसान भी हो जाता है। इस वजह से किसान ही लौकी, करेला, तरबूज आदि सब्जियों की खेती को अपना रहे हैं। इस क्षेत्र के किसानों को सरकार की तरफ से बागवानी व सब्जियों की खेती में बढ़ावा मिले तो उनकी आमदनी बढ़ सकती है। इस संबंध में किसानों ने कई बार कृषि डीडी व जिला उद्यान अधिकारी को अवगत कराया, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।  कृषि उपनिदेशक डॉ. उदयभान गौतम ने बताया कि कछारी क्षेत्र में बागवानी व औषधीय खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि कर्मचारी व कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए उद्यान विभाग से अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसका किसानों को लाभ भी मिल रहा है।

किसान बोेले

 महगांव के शुभम का कहना है कि पांच बीघे में करेला लगा रखा है। करेला पैदा करने के लिए थोड़ी मेहनत करनी पड़ती है। आमदनी ठीक-ठाक हो जाती है तो किसानों खुश हो जाता है। इस प्रकार की खेती को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। वहीं, इकबाल नगर के अहमद ने बताया कि पहले तरबूज की खेती करते थे। इसमें मेहनत अधिक व आमदनी कम थी। पिछले दो वर्ष लौकी की खेती कर रहे हैं। इससे अच्छी आय हो रही है। मूरतगंज बाजार व मुंडेरा मंडी में लौकी की बिक्री करते हैं।


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