अब गोसंरक्षण केंद्र से बच सकेगी किसानों की फसल
भाजपा सरकार गोरक्षा पर ध्यान दे रही है। गोसंरक्षण केंद्र बनने से किसानों की फसल भी बचेगी। यह करीब चार करोड़ की लागत से बनेगा।
प्रयागराज : प्रदेश सरकार द्वारा घोषित गोसंरक्षण केंद्र जिले में बनने शुरू हो गए हैं। सबसे बड़ा केंद्र रानीगंज के खमपुर दुबेपट्टी में बनेगा। रविवार को प्रदेश के ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री राजेंद्र प्रसाद ¨सह मोती ¨सह ने इसकी नीव रखी।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गोरक्षा पर ध्यान दे रही है। गोसंरक्षण केंद्र बनने से किसानों की फसल भी बचेगी। यह करीब चार करोड़ की लागत से बनेगा। जिन्हें लोग बेसहारा पशु कहते हैं उनके बिना वैतरणी लोग नहीं पार होते हैं। कार्यक्रम के आयोजक रानीगंज विधायक अभय कुमार धीरज ओझा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में प्रदेश का विकास हो रहा है।
रानीगंज क्षेत्र में इंजीनिय¨रग कालेज, केंद्रीय विद्यालय, पालीटेक्निक कालेज बनना विकास का इतिहास है। भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम मिश्र, भाजयुमो जिलाध्यक्ष रवि गुप्ता ने भी विचार रखे। अध्यक्षता प्रधान शिवसागर शुक्ल ने की। डीएम शंभु कुमार, एसडीएम राहुल यादव, तहसीलदार मनीष कुमार, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी वीपी ¨सह, नीरज ओझा, अजय ओझा, ललित तिवारी, बद्री गुप्ता, जिपं सदस्य लल्लन ¨सह परिहार, गणेश ¨सह विद्यार्थी व नागेंद्र पाल भी मौजूद रहे। अखिलेश की जांच कराएगी सरकार :
मंत्री मोती ¨सह गोसंरक्षण केंद्र के कार्यक्रम में कांग्रेस व सपा पर हमलावर रहे। उन्होंने भाषण में कहा कि भाजपा की लहर के आगे बबुआ, बुआ का गठबंधन हवा में उड़ जाएगा। जो अपने बाप का नहीं हुआ वह प्रदेश की जनता का क्या होगा। अखिलेश यादव के कारनामों की भी जांच सरकार कराएगी। अभी आइएएस अधिकारी की जांच हुई और कार्रवाई भी होगी। नहर कटने से कई बीघे फसल जलमग्न :
लालगंज क्षेत्र के रायपुर भगदरा के पास सगरा रजबहा नहर कटने से सैकड़ों बीघे गेहूं व सरसों की फसल जलमग्न हो गई। शनिवार सुबह जब क्षेत्र के किसानों अशोक ¨सह, भानू प्रताप ¨सह, गणेश गुप्ता,त्रिलोक नाथ शुक्ल, हनुमत ¨सह, संजय ¨सह, विनोद आदि को जानकारी हुई तो वह भाग कर खेतों पर पहुंचे और पानी से फसल को डूबा देख परेशान हो उठे। नहर विभाग को मामले की जानकारी देने के साथ ही किसान नहर को बांधने के प्रयास में जुट गए। जानकारी होते ही पहुंचे विभागीय लोगों ने जेसीबी से नहर को बंधवाया, तब जाकर किसानों ने राहत की सांस ली।