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क्‍या आप गोल्‍डन कार्ड बनवाने जा रहे हैं, यह खबर जरूर पढ़ें वरना ठगे जा सकते हैं Prayagraj News

जनपद में इन दिनों प्रयागराज में आयुष्‍मान भारत योजना के तहत फर्जी गोल्डन कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। लोगों को ऑनलाइन सेंधमारी से सावधान रहने की जरूरत है। कुछ बातों का ध्‍यान रखें।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 01:30 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 01:39 PM (IST)
क्‍या आप गोल्‍डन कार्ड बनवाने जा रहे हैं, यह खबर जरूर पढ़ें वरना ठगे जा सकते हैं Prayagraj News
क्‍या आप गोल्‍डन कार्ड बनवाने जा रहे हैं, यह खबर जरूर पढ़ें वरना ठगे जा सकते हैं Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) में खेल हो रहा है। गोल्डन कार्ड बनाने के नाम पर ऑनलाइन सेंधमारी की जा रही है। इस खेल को सॉफ्टवेयर भी नहीं पकड़ पा रहा है। इसका फायदा उठाकर लोग मोटी रकम लेकर किसी का भी गोल्डन कार्ड बना दे रहे हैं लेकिन जांच कराने पर पता चलता है यह तो फर्जी है।

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योजना से गरीब लाभार्थी परिवार के लोगों का पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल सितंबर में आयुष्मान भारत योजना को हरी झंडी दी थी। उद्देश्य था कि गरीब लाभार्थी परिवारों के लोगों का पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज हो। कुछ शातिर इसमें भी सेंधमारी करने में जुट गए हैं। जगह-जगह कैंप लगाकर लोगों से दो से पांच सौ रुपये लेकर उनका नाम योजना में शामिल कर दे रहे हैं। लाभार्थी जब सरकारी अस्पताल में या टोल फ्री नंबर 14555 पर इसकी पुष्टि करते हैं तो पता चलता है कि उन्हें जारी गोल्डन कार्ड तो फर्जी है।

आपको गोल्डेन कार्ड बनवाने से पहले इन बातों पर देना पड़ेगा ध्यान

आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. राहुल सिंह ने लोगों को सलाह दी है कि वह गोल्डन कार्ड यूं ही कहीं से भी नहीं बनवाएं। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पताल या सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में गोल्डन कार्ड मुफ्त में बनाया जाता है। सहज जनसेवा केंद्र पर 30 रुपये लेकर कार्ड बनाया जाता है लेकिन यह ध्यान दें कि जब भी यहां 30 रुपये से अधिक की मांग की जाए तो समझ लीजिए कि वह फर्जीवाड़ा कर रहा है। फर्जीवाड़े की शिकायत तत्काल सीएमओ आफिस में करें। ब्लाकों पर या सहज जनसेवा केंद्रों पर यह कार्ड बनाया जाएगा तो वहां स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मचारी अवश्य मौजूद रहेगा।

रत्नाकर भी हैं भुक्तभोगी, चेक करने पर पता चला कि यह कार्ड तो फर्जी है

शहर के राजरूपपुर निवासी रत्नाकर गुप्ता ब्रेन हेमरेज व पैरालिसिस यानी लकवा से पीडि़त हैं। वह भी इस ऑनलाइन गड़बड़झाले में फंस गए। रत्नाकर कहते हैं कि एक कैंप में गोल्डन कार्ड बनाया जा रहा था। उन्हें जानकारी हुई तो वहां पहुंचे। गोल्डन कार्ड बना रहे लोगों ने कहा कि 250 रुपये लगेंगे फिर कार्ड बन जाएगा। जानकारी न होने के कारण रुपये देकर उन्होंने गोल्डन कार्ड बनवा लिया। इसके लिए रत्नाकर के मोबाइल पर 'एडी-हेल्थ' के नाम से एसएमएस भी आया कि वह योजना के लाभार्थी हो गए हैं। इतना ही नहीं जब उन्हें अटैक आया तो निजी अस्पताल में इसी कार्ड के आधार पर उन्हें भर्ती भी कर लिया गया। इसका एसएमएस भी उनके मोबाइल पर आया। हालांकि सीएमओ आफिस में आयुष्मान भारत योजना के नोडल कार्यालय में चेक कराने पर बताया गया कि यह तो फर्जी है। अब उनकी परेशानी और बढ़ गई है।

ऑनलाइन फर्जी गोल्डन कार्ड बनाने वाला सॉफ्टवेयर पकड़ में नहीं आ रहा

आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. राहुल सिंह कहते हैं कि ऑनलाइन फर्जी गोल्डन कार्ड बनाए जाने के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि अभी यह सॉफ्टवेयर की पकड़ में भी नहीं आ रहा है कि यह फर्जी गोल्डन कार्ड कहां से और कैसे बनाए जा रहे हैं। इसको पता किया जा रहा है।


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