अब फैसिलिटी सेंटर देगा मूंज उत्पाद को नई 'उड़ान' Prayagraj News
एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) में चयनित मूंज अब उपेक्षित नहीं रहेगा। फैसिलिटी सेंटर उत्पाद को आगे लाने में मदद करेगा। इस रोजगार से जुड़े लोगों को इससे काफी राहत मिलेगी।
By Edited By: Published: Thu, 22 Aug 2019 08:51 PM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 09:30 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) में चयनित मूंज अब उपेक्षित नहीं रहेगा। पहचान के साथ इसे ख्याति भी मिलेगी। इसके उत्पाद को फिनिशिंग देने, अच्छा बाजार दिलाने, कारीगरों और कारोबारियों की समस्याओं के समाधान के लिए कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) यहां स्थापित किया जाएगा। यह सेंटर मूंज के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा।
मार्केटिंग की स्थिति परखने को एजेंसी नामित
प्रयागराज में इस व्यवसाय में आ रही दिक्कतें जानने और उत्पादों की मार्केटिंग की स्थिति परखने के लिए हैदराबाद की एजेंसी 'निम्समे' नामित की गई है। सर्वे के लिए जल्द ही आने वाली एजेंसी के सदस्य उत्पादकों के साथ बैठक करेंगे। उनकी समस्याएं समझकर डायग्नोस्टिक स्टडी रिपोर्ट (डीएसआर) तैयार करेंगे।
एडीएम की देखरेख में सीएफसी की स्थापना होगी
डीएसआर डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सामने रखी जाएगी। इस पर शासन की मुहर लगने के बाद डीपीआर के आधार पर एडीएम वित्त एवं राजस्व की देखरेख में सीएफसी की स्थापना होगी। एडीएम इसके नोडल अफसर नामित किए गए हैं। लखनऊ में हुई बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग नवनीत सहगल ने विभागीय अफसरों को इस संबंध में विस्तार से जानकारी भी दी है।
एसएफसी का यह होगा काम
- कारीगरों को नए-नए डिजाइन तैयार कराने में मदद करना
- उत्पादकों की समस्याओं का निस्तारण कराना
- मार्केटिंग के लिए उचित माहौल तैयार कराना।
इसलिए हुआ था मूंज का चयन
ओडीओपी योजना के तहत ऐसे परंपरागत उत्पाद का चयन होना था, जिसके दबे होने के साथ समुचित बाजार उपलब्ध नहीं था। यही नहीं, कम कीमत पर ज्यादा रोजगार की संभावनाएं बन सके।
मूंज से बनते हैं ये सामान
झोले, टोकरी, ब्रेड बॉक्स, फ्लॉवर पार्ट्स, पर्स, नाइट लैंप, वाल हैंगिंग, पेपरवेट, पेन होल्डर, टी-कोस्टर एवं अन्य घरेलू सजावटी सामान।
मार्केटिंग के लिए यह मिलेंगी सुविधाएं
- उत्पादन को स्थायी बाजार मुहैया कराने के लिए शोरूम खोलने पर लोन पर 25 फीसद सब्सिडी।
- ओडीओपी विपणन प्रोत्साहन' योजना के तहत प्रदेश के मेला
- प्रदर्शनियों में भाग लेने पर स्टॉल चार्ज का 75 फीसद (अधिकतम 50 हजार)
- माल ढुलाई पर खर्च का 75 फीसद (अधिकतम 7500)
- एक व्यक्ति के आने-जाने के लिए ट्रेन के थर्ड एसी अथवा एसी बस का किराया मिलेगा।
- प्रदेश के बाहर मेले-प्रदर्शनियों के लिए स्टॉल चार्ज का 75 फीसद
- माल ढुलाई के खर्च का 75 फीसद (अधिकतम 15 हजार) मिलेगा।
बोले उद्योग उपायुक्त
उद्योग उपायुक्त अजय कुमार चौरसिया कहते हैं कि सीएफसी की स्थापना नैनी क्षेत्र में होगी। इसके लिए कुल लागत का 90 फीसद प्रदेश सरकार और 10 प्रतिशत एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) खर्च करेगी।
मार्केटिंग की स्थिति परखने को एजेंसी नामित
प्रयागराज में इस व्यवसाय में आ रही दिक्कतें जानने और उत्पादों की मार्केटिंग की स्थिति परखने के लिए हैदराबाद की एजेंसी 'निम्समे' नामित की गई है। सर्वे के लिए जल्द ही आने वाली एजेंसी के सदस्य उत्पादकों के साथ बैठक करेंगे। उनकी समस्याएं समझकर डायग्नोस्टिक स्टडी रिपोर्ट (डीएसआर) तैयार करेंगे।
एडीएम की देखरेख में सीएफसी की स्थापना होगी
डीएसआर डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी के सामने रखी जाएगी। इस पर शासन की मुहर लगने के बाद डीपीआर के आधार पर एडीएम वित्त एवं राजस्व की देखरेख में सीएफसी की स्थापना होगी। एडीएम इसके नोडल अफसर नामित किए गए हैं। लखनऊ में हुई बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग नवनीत सहगल ने विभागीय अफसरों को इस संबंध में विस्तार से जानकारी भी दी है।
एसएफसी का यह होगा काम
- कारीगरों को नए-नए डिजाइन तैयार कराने में मदद करना
- उत्पादकों की समस्याओं का निस्तारण कराना
- मार्केटिंग के लिए उचित माहौल तैयार कराना।
इसलिए हुआ था मूंज का चयन
ओडीओपी योजना के तहत ऐसे परंपरागत उत्पाद का चयन होना था, जिसके दबे होने के साथ समुचित बाजार उपलब्ध नहीं था। यही नहीं, कम कीमत पर ज्यादा रोजगार की संभावनाएं बन सके।
मूंज से बनते हैं ये सामान
झोले, टोकरी, ब्रेड बॉक्स, फ्लॉवर पार्ट्स, पर्स, नाइट लैंप, वाल हैंगिंग, पेपरवेट, पेन होल्डर, टी-कोस्टर एवं अन्य घरेलू सजावटी सामान।
मार्केटिंग के लिए यह मिलेंगी सुविधाएं
- उत्पादन को स्थायी बाजार मुहैया कराने के लिए शोरूम खोलने पर लोन पर 25 फीसद सब्सिडी।
- ओडीओपी विपणन प्रोत्साहन' योजना के तहत प्रदेश के मेला
- प्रदर्शनियों में भाग लेने पर स्टॉल चार्ज का 75 फीसद (अधिकतम 50 हजार)
- माल ढुलाई पर खर्च का 75 फीसद (अधिकतम 7500)
- एक व्यक्ति के आने-जाने के लिए ट्रेन के थर्ड एसी अथवा एसी बस का किराया मिलेगा।
- प्रदेश के बाहर मेले-प्रदर्शनियों के लिए स्टॉल चार्ज का 75 फीसद
- माल ढुलाई के खर्च का 75 फीसद (अधिकतम 15 हजार) मिलेगा।
बोले उद्योग उपायुक्त
उद्योग उपायुक्त अजय कुमार चौरसिया कहते हैं कि सीएफसी की स्थापना नैनी क्षेत्र में होगी। इसके लिए कुल लागत का 90 फीसद प्रदेश सरकार और 10 प्रतिशत एसपीवी (स्पेशल परपज व्हीकल) खर्च करेगी।
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