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कुंभ कार्यों में खर्च बढ़ा तो मांगी जाने लगी अतिरिक्त धनराशि

कुंभ मेले के लिए इन दिनों शहर में सड़क चौड़ीकरण हो रहा है। काम खत्‍म करने की तारीख भी निकट है। खर्च बढ़ने पर अतिरिक्‍त धनराशि की मांग भी की जा रही है। -खर्च बढऩे पर मांगा जा रहा अतिरिक्त पैसा

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 01:40 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 01:40 PM (IST)
कुंभ कार्यों में खर्च बढ़ा तो मांगी जाने लगी अतिरिक्त धनराशि
कुंभ कार्यों में खर्च बढ़ा तो मांगी जाने लगी अतिरिक्त धनराशि

जासं, इलाहाबाद : जैसे-जैसे कुंभ के कार्यों को खत्म करने की तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे अधिकारियों के चक्कर बार-बार लखनऊ लग रहे हैं। अधिकारी अपने कार्यालय में बैठ नहीं पा रहे हैं। इससे काम प्रभावित हो रहा है। फाइलों पर हस्ताक्षर से लेकर फंड को लेकर दिक्कत आ रही है। खर्च बढऩे पर कुंभ के कार्यों के लिए अतिरिक्त पैसा मांगा जा रहा है। नगर निगम के उच्च अधिकारी दौरे से परेशान हैं।

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 कुंभ के कार्यों को 31 अक्टूबर तक खत्म करने के लिए लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। नगर निगम को शहर में कई सड़कों का निर्माण करना है। इलाहाबाद विकास प्राधिकरण को सड़कों का निर्माण से लेकर चौराहों को बनवाना है। बारिश खत्म होने के साथ जैसे काम में तेजी आई है, वैसे लखनऊ में बैठे अधिकारी बार-बार कार्य प्रगति के बारे में जानकारी ले रहे हैं। जहां पर धन आवंटन से लेकर कोई दूसरा पेच फंसा है। उसे शीघ्र निस्तारण किया जा रहा है। कामों को लेकर नगर आयुक्त अविनाश सिंह अपनी टीम के साथ कई बार लखनऊ जा चुके हैं। अन्य विभाग के अधिकारी भी बार-बार लखनऊ बुलाए जा रहे हैं। अधिकारियों के कार्यालय में न बैठने से काम पर प्रभाव पड़ रहा है। जिन फाइलों को शीघ्र निस्तारित किया जाना चाहिए, वह भी लटकी रह जा रही हैं।

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के टेंडर में गड़बड़ी

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के करोड़ों के टेंडर में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। डीएम सुहास एलवाई ने इस मामले में इकाई के महाप्रबंधक पीके अग्रवाल से कार्यों के साथ ही टेंडर की रिपोर्ट तलब की है। टेंडर में गड़बड़ी का मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचने से विभाग में हड़कंप मच गया है। शहर में गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा सीवर का कार्य कराया जा रहा है। कई वर्षों से चल रहे सीवर का कार्य पूरा होने में अब देरी भी हो रही है। कई स्थानों पर लापरवाही के मामले में नोटिस भी दिया जा चुका है। अब नया मामला टेंडर में गड़बड़ी का सामने आया है। सीवर लाइन और मरम्मत के कार्यों का पिछले दिनों टेंडर हुआ था। इसमें नैनी के गंजिया गांव के हिस्ट्रीशीटर के दबाव में टेंडर उसके करीबियों को दे दिया गया। सपा से जुड़े हिस्ट्रीशीटर के करीबियों को टेंडर मिलने का मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंच गया। इस मामले में डीएम ने पूरी टेंडर प्रक्रिया की रिपोर्ट तलब कर ली है।

 इस बाबत गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक पीके अग्रवाल ने का कहना है कि डीएम ने रिपोर्ट तलब की है। जल्द ही रिपोर्ट भेज दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादातर टेंडर ऑनलाइन होते है। कौन सा टेंडर किसे मिला है, उन्हें इसकी जानकारी नहीं हो पाती है। जिसे टेंडर मिलता है वह ठीक से कार्य कराए, इस पर पैनी नजर रखी जाती है।

दो अफसरों पर हो चुकी है कार्रवाई :

गंजिया निवासी हिस्ट्रीशीटर के रसूख से गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के ज्यादातर टेंडर होते हैं, इसकी शिकायत पर कुछ माह पहले दो बड़े अधिकारियों को शासन स्तर से निलंबित किया गया था। इसके बाद भी हिस्ट्रीशीटर का दबाव कम नहीं हो सका है।

सीसीटीवी कैमरा लगाने के निर्देश :

डीएम ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक से टेंडर के दौरान सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज भी मांगे मगर जीएम ने इन्कार कर दिया। कहा कि सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं। इस पर डीएम ने जल्द से जल्द सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिए।


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