Magh Mela-2020 : माघ मेला को नो स्मोकिंग जोन बनाने की कवायद Prayagraj News
जिला पुलिस की पहल पर इस बार मेले को तंबाकू मुक्त करने की कवायद की जा रही है। कमला नेहरू अस्पताल की कैंसर रोग विशेषज्ञ ने पुलिसकर्मियों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में बताया।
प्रयागराज, जेएनएन। माघ मेला-2020 को तंबाकू मुक्त करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस मेले में लोगों को तंबाकू से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करेगी। शनिवार को मेले के पुलिसकर्मियों को इस बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
स्मोकिंग पर कटेगा चालान
आइजी केपी सिंह के निर्देश पर मेले के गंगोत्री सभागार में आयोजित गोष्ठी संबंध हेल्थ फाउंडेशन और एसीएफ द्वारा पुलिसकर्मियों के काटपा 2003 की तकनीकी की जानकारी दी गई। इसमें सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान और विज्ञापन पर प्रतिबंध समेत अन्य कई जानकारियां दी गई। उन्हें काटपा में चालान की कार्रवाई के बारे में बताया गया। जिला पुलिस की पहल पर इस बार मेले को तंबाकू मुक्त करने की कवायद की जा रही है। कमला नेहरू अस्पताल की कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. राधा रानी घोष ने पुलिसकर्मियों को तंबाकू के दुष्प्रभावों के बारे में बताया। तंबाकू के इस्तेमाल से शारीरिक और मानसिक तनाव बढ़ता है।
तंबाकू मुक्त मेला और शहर बनाने में पुलिस की अहम भूमिका
युवाओं को तंबाकू से दूर करने और तंबाकू मुक्त शहर और मेला करने में पुलिस की अहम भूमिका हो सकती है। पुलिस 2003 में बने काटपा एक्ट को लागू कराकर काफी फर्क पैदा कर सकती है। गोष्ठी में दो कैंसर पीडि़तों ने बताया कि कैसे वे तंबाकू का नशा करने की वजह से रोगी हो गए। उनकी जान खतरे में पड़ी और परिवार संकट में आ गया। एसपी मेला पूजा यादव और एसपी क्राइम आशुतोष मिश्र ने कहा कि धूम्रपान से पर्यावरण प्रदूषित होता है जो सबके लिए नुकसानदेह है। माघ मेला को तंबाकू मुक्त करने के प्रयास से अच्छा वातावरण मिलेगा और पूरी दुनिया में बेहतर संदेश भी जाएगा। इसकी सफलता के लिए मेले की पुलिस अभियान चलाएगी।