UP Board Exam 2020 : पेपर आउट पर भारी पड़ती रही बोर्ड की साख, नकल माफिया देते आ रहे चुनौती
यूपी बोर्ड की परीक्षा में हर साल पेपर आउट की घटनाएं होती हैं लेकिन मामलों पर जिलों से गोलमोल रिपोर्ट मुख्यालय पर भेजी जाती रही ताकि बोर्ड की साख पर आंच न आए।
प्रयागराज [राज्य ब्यूरो]। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में हर साल चुनिंदा जिलों में पेपर आउट की घटनाएं होती रही हैं, लेकिन उन मामलों पर जिलों में ही लीपापोती करके गोलमोल रिपोर्ट मुख्यालय पर भेजी जाती रही, ताकि बोर्ड की साख पर आंच न आए। बोर्ड का प्रशासन यह कहकर साफ बच जाता है कि वह ऐसे मामलों में जिलों की रिपोर्ट पर निर्भर है, वहां पेपर नहीं माना गया तो हम क्या कर सकते हैं?
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं नकलविहीन कराने के तमाम हाईटेक इंतजाम पर नकल माफिया लगातार पानी फेरते आ रहे हैं। परीक्षा केंद्रों के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगे होने के बाद भी परीक्षा ड्यूटी में लगे शिक्षक व कर्मचारी प्रश्नपत्रों को आसानी से वायरल कर रहे हैं। प्रदेश मुख्यालय व हर जिला मुख्यालयों पर कंट्रोल रूम से आखिर किसकी और किस तरह की निगरानी हो रही है, यह गंभीर सवाल है।
स्थिति यह है अहम विषयों के प्रश्नपत्र परीक्षा के पहले या उसी दौरान सोशल मीडिया पर आ जाते हैं लेकिन, जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के अफसर यह स्वीकार करने को तैयार नहीं होते कि पेपर आउट हुआ है। गुुरुवार को भी पेपर आउट होने के घंटों बाद बोर्ड ने बिना केंद्र व जिले का उल्लेख किए पेपर वायरल होना पहली बार स्वीकारा है। बोर्ड अफसर कहते हैं कि वे ऐसे मामलों में जिले से मिली रिपोर्ट को आधार मानते हैं।
जिलों में तय केंद्रों पर दोबारा परीक्षा
हर साल बोर्ड प्रशासन परीक्षा खत्म होने से पहले चुनिंदा जिलों में पेपर आउट के कलंक से बचने के लिए कुछ विषयों की दोबारा परीक्षा कराने का कार्यक्रम जारी करता आ रहा है। उनमें वही जिले होते हैं जहां पेपर आउट की आवाज उठी थी, केवल उसे पेपर आउट का नाम नहीं दिया जाता है।
पेपर आउट करना आसान नहीं : डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा का दावा है कि यूपी बोर्ड हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा में प्रश्नपत्र की छपाई भी अलग-अलग स्थानों पर करवाई जा रही है और पेपर में सवाल भी अलग-अलग हैं। ऐसे में एक साथ कई जिलों का पेपर लीक करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि मऊ में प्रश्नपत्र वायरल होने की घटना सामने आने के बाद चौकसी और बढ़ा दी गई है। डीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
कंट्रोल रूम भी प्रश्नपत्रों पर लाइव मानीटरिंग
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि अधिकारी लगातार परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने के साथ-साथ प्रश्नपत्र व कापियों को सुरक्षित रखने के हर संभव उपाय कर रहे हैं। राज्य स्तर पर राजधानी में माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में बने कंट्रोल रूम व मानीटरिंग सेल से लगातार परीक्षा केंद्रों पर नजर रखी जा रही है। पर्चे व कापियां जिस कमरे में सीलबंद अलमारियों में रखे हैं वहां भी सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और उनकी निगरानी में ही सीलबंद लिफाफे खोले जा रहे हैं। सभी जिलाधिकारियों व जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह हर हाल में प्रश्नपत्र व कापियों की सुरक्षा बढ़ाएं।
पेपर आउट होने का घटनाएं
- 2016 : बलिया में हाईस्कूल विज्ञान व इंटर में भौतिक विज्ञान का पेपर परीक्षा से तीन घंटे पहले आउट हुआ। तत्कालीन डीआइओएस ने जांच की, नतीजा सिफर।
- 2017 : बलिया व प्रतापगढ़ जिले में इंटर रसायन विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र आउट हुआ। दोपहर में ही हल कॉपियां बिकीं। मुकदमे की जगह प्रकरण साइबर सेल को भेजा।
- 2018 : महराजगंज जिले में हाईस्कूल विज्ञान का पेपर परीक्षा के एक दिन पहले आउट हुआ। पुलिस ने पेपर कोड से केंद्र व्यवस्थापक व तीन कक्ष निरीक्षकों को पकड़ा। उसी पेपर पर परीक्षा हुई।
- 2019 : मऊ जिले में हाईस्कूल सामाजिक विज्ञान का पेपर आउट, एसओजी ने लिखी व सादी कॉपी बरामद की। डीआइओएस ने केंद्र व्यवस्थापक, स्टेटिक मजिस्ट्रेट पर मुकदमा लिखाया।