यमुना तट पर स्थित किले में बंद है अक्षयवट, प्रबुद्धजन बोले जल्द खुले द्वार
किले में बंद अक्षयवट के दर्शन और पूजन आम लोग कर सकें, ऐसी मांग शहर के प्रबुद्धजन सरकार से मांग कर रहे हैं।
प्रयागराज : यमुना किनारे बने किला में अक्षयवट सदियों से बंद है। आम श्रद्धालु दर्शन के लिए वहां नहीं जा सकते। सिर्फ रसूखदार लोगों को ही उसके दर्शन का अधिकार है। यह परंपरा दशकों से चली आ रही है।
देश को आजादी मिलने के बावजूद आम श्रद्धालु उसका दर्शन-पूजन करने से वंचित हैं। समाज के प्रबुद्धजन चाहते हैं कि अक्षयवट जल्द ही हर किसी के दर्शन-पूजन के लिए खोल दिया जाए। इसको लेकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा के नेता भी सक्रिय हैं। वह मुख्यमंत्री से संपर्क करके उनसे जल्द अक्षयवट खोलने की मांग कर रहे हैं। इनके अलावा दूसरे विशिष्टजन भी चाहते हैं कि यह आम श्रद्धालुओं के लिए जल्द खुले।
सीएम को दिया ज्ञापन : डॉ. ओझा
अक्षयवट आम श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन के लिए खुले उसके मद्देनजर भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. एलएस ओझा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन दे चुके हैं। बताया कि 'दैनिक जागरण' से अक्षयवट के धार्मिक व पौराणिक महत्व का पता चला। इससे प्रभावित होकर वह कुंभ से पहले इसे खुलवाने के लिए मुख्यमंत्री योगी से मिले हैं। सीएम ने अतिशीघ्र उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
अक्षयवट से है प्रयागराज का अस्तित्व : तृप्ति
प्रख्यात गायिका तृप्ति शाक्या कहती हैं कि राज्य सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने का सराहनीय काम किया है। कहा कि प्रयागराज का अस्तित्व अक्षयवट से है। अब सरकार को चाहिए कि इसे आम लोगों के दर्शनार्थ खुलवाकर प्रयागराज की गरिमा बढ़ाए। अगर सरकार ऐसा करती है तो यह हिंदुओं के लिए सबसे बड़ा तोहफा होगा।
कुंभ से पहले खुले अक्षयवट : अनुपम
साहित्यकार अनुपम परिहार अक्षयवट को कुंभ से पहले दर्शन-पूजन के लिए खोलने की मांग करते हैं। कहते हैं कि मुगलकाल से हिंदू इसका दर्शन करने से वंचित हैं। दुर्भाग्य की बात यह है कि देश को आजादी मिलने के बाद भी इसका दर्शन दुर्लभ है। इसे श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोलने की मांग समय-समय पर उठती रही है, जिसे अब पूरा करना चाहिए।
जन-जन की है पुकार : अनिल
इनरव्हील क्लब पावन गंगा के अध्यक्ष अनिल टंडन कहते हैं कि सिर्फ चुनिंदा लोग ही अक्षयवट का दर्शन-पूजन कर पाते हैं, यह परंपरा गलत है। अक्षयवट का दर्शन हर व्यक्ति आसानी से कर सके, उस दिशा में सरकार को ठोस कदम उठाना चाहिए। कुंभ से पहले उसे देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाना चाहिए।